Logo

राम का हर पल ध्यान लगाए, राम नाम मतवाला (Ram Ka Har Pal Dhyan Lagaye Ram Naam Matwala)

राम का हर पल ध्यान लगाए, राम नाम मतवाला (Ram Ka Har Pal Dhyan Lagaye Ram Naam Matwala)

राम का हर पल ध्यान लगाए,

राम नाम मतवाला,

चिर के सीना दरश कराए,

माँ अंजनी का लाला,

बाला राम का दीवाना,

सियाराम का दीवाना,

राम का दीवाना,

सियाराम का दीवाना ॥


अंग सिंदूर विराजे है,

राम मगन हो नाचे है,

राम के सिवा तो इसे,

कुछ भी ना भाए रे,

महिमा राम की गाते है,

छम छम नाच दिखाते है,

राम के बिना ये माला,

तोड़ बिखराए रे,

राम को दिल में बसा के,

मुस्का के गुण गा के,

देखो राम को रिझाए,

हनुमान सा दूजा ना है,

रघुवर का रखवाला,

चिर के सीना दरश कराए,

माँ अंजनी का लाला,

राम का दीवाना,

सियाराम का दीवाना,

राम का दीवाना,

सियाराम का दीवाना ॥


रघुनन्दन का प्यारा है,

सीता का दुलारा है,

राम जी का मेरा बाबा

साथ निभाए है,

राम की सेवा करता है,

राम की पूजा करता है,

राम के द्वारे बैठा,

चुटकी बजाए रे,

राम का ये है दीवाना,

मस्ताना हनुमाना देखो,

राम धुन गाए,

जब जब राम पे विपदा आई,

इसने संकट टाला,

चिर के सीना दरश कराए,

माँ अंजनी का लाला,

राम का दीवाना,

सियाराम का दीवाना,

राम का दीवाना,

सियाराम का दीवाना ॥


राम भजन जहाँ होता है,

वहां पे हाजिर रहता है,

राम के भजन में ये,

सुध बिसराए रे,

जिस घर राम बसेरा है,

हनुमत का वहां पहरा है,

‘हर्ष’ कभी ना वहां,

विपदा सताए रे,

राम का नाम सुहाए,

मन भाए दिल लुभाए,

देखो हरि गुण गाए,

आँख मीच कर ध्यान लगाए,

फेरे राम की माला,

चिर के सीना दरश कराए,

माँ अंजनी का लाला,

राम का दीवाना,

सियाराम का दीवाना,

राम का दीवाना,

सियाराम का दीवाना ॥


राम का हर पल ध्यान लगाए,

राम नाम मतवाला,

चिर के सीना दरश कराए,

माँ अंजनी का लाला,

बाला राम का दीवाना,

सियाराम का दीवाना,

राम का दीवाना,

सियाराम का दीवाना ॥

........................................................................................................
सिंह राशि में चंद्र ग्रहण का असर

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य और चंद्र ग्रहण दोनों को बहुत ही अशुभ घटनाएँ माना जाता है। इनका असर न केवल देश-दुनिया पर, बल्कि राशिचक्र की सभी राशियों पर भी पड़ता है।

मसान होली की पौराणिक कथा

मसान होली दो दिवसीय त्योहार माना जाता है। मसान होली चिता की राख और गुलाल से खेली जाती है। काशी के मणिकर्णिका घाट पर साधु-संत इकट्ठा होकर शिव भजन गाते हैं और नाच-गाकर जीवन-मरण का जश्न मनाते हैं और साथ ही श्मशान की राख को एक-दूसरे पर मलते हैं और हवा में उड़ाते हैं। इस दौरान पूरी काशी शिवमय हो जाती है और हर तरफ हर-हर महादेव का नाद सुनाई देता है।

होली की पूजा विधि और सामग्री

होली का पर्व हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह त्योहार रंगों के साथ-साथ धार्मिक अनुष्ठानों का भी प्रतीक है। होलिका दहन से पहले पूजा करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।

होली के 10 महाउपाय

होली हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे रंगों और खुशियों के साथ मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि होली के दिन किए गए कुछ उपाय आपके जीवन में सुख-समृद्धि, आर्थिक उन्नति और कष्टों से मुक्ति दिलाने में सहायक हो सकते हैं?

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang