जय सीता राम की। जय राधे श्याम की ॥
राम नाम लड्डू, गोपाल नाम घी ।
हरि नाम मिश्री, तू घोल-घोल पी ॥... x3
हरे रामा, हरे रामा, रामा-रामा हरे-हरे ।
हरे कृष्णा, हरे कृष्णा, कृष्णा-कृष्णा हरे-हरे ॥
राम जीवन में तो, श्याम जी घर में ।
काटते हैं भक्तों के, संकट क्षण में ॥... x2
ध्यान से सुनो, यह बात बड़ी काम की ।
हरि नाम मिश्री, तो घोल घोल पी ॥
॥ राम नाम लड्डू...॥
हरे रामा, हरे रामा, रामा-रामा हरे-हरे ।
हरे कृष्णा, हरे कृष्णा, कृष्णा-कृष्णा हरे-हरे ॥
राम राम राम ,रटो श्याम श्याम, श्याम रे ।
आयेगा अंत समय, बस यही काम रे ॥... x2
जय बोलो राम जी की,जय बोलो श्याम जी की ।
हरि नाम मिश्री तो घोल घोल पी ॥
॥ राम नाम लड्डू...॥
हरे रामा, हरे रामा, रामा-रामा हरे-हरे ।
हरे कृष्णा, हरे कृष्णा, कृष्णा-कृष्णा हरे-हरे ॥
मर्यादा पुरुषोत्तम, हैं श्री राम जी ।
प्रेम के सागर है, प्यारे घनश्याम जी ॥ ... x2
माला जपो सुबह शाम, इनकी नाम की ।
हरि नाम मिश्री तो घोल घोल पी ॥
॥ राम नाम लड्डू...॥
हरे रामा, हरे रामा, रामा-रामा हरे-हरे ।
हरे कृष्णा, हरे कृष्णा, कृष्णा-कृष्णा हरे-हरे ॥
कुंभ जैसे विशेष अवसरों पर दिखने वाले नागा साधु कुंभ समाप्त होते ही अचानक कहां गायब हो जाते हैं? यह एक रहस्यमयी प्रश्न है। प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान तीनों अमृत स्नान पूरे हो चुके हैं, और अब अखाड़ों का खाली होना शुरू हो गया है।
महाकुंभ मेला हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, जो हर 12 साल में चार पवित्र स्थलों - हरिद्वार, प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में आयोजित होता है। यह आयोजन समुद्र मंथन से जुड़ी पौराणिक कथा पर आधारित है।
सनातन हिंदू धर्म में, होली का त्योहार एकता, आनंद और परंपराओं का एक भव्य उत्सव है। इसकी धूम पूरे विश्व में है। दिवाली के बाद हिंदू धर्म में दूसरे सबसे महत्वपूर्ण त्योहार के रूप में जाना जाने वाला होली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। इनमें शारदीय और चैत्र नवरात्रि विशेष धूमधाम से मनाई जाती हैं। साल में कुल चार नवरात्रियां पड़ती हैं—दो प्रत्यक्ष और दो गुप्त। नवरात्रि माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन मास में आती हैं।