राम राज फिर से आयील बा (Ram Raj Fir Se Aayil Ba)

कब से लागल आस पुराइल,

सब जन के मनवा हरसाइल

दुनिया देखे घर घर में भगवा लहराइल बा

राम मंदिर में अइले,

राम राज अब फिर से आइल बा


बोलो राम राम राम

राजा राम राम राम

हरे राम राम राम

सीता राम राम राम


जग के पालनहार भला

कब तक ये साँसत सहते,

सब को महल में रखके खुद

तंबू में कब तक रहते,

पाए सिंहासन रघुवर अब शुभदिन भेंटाइल बा

राम मंदिर में अइले,

राम राज अब फिर से आइल बा


बोलो राम राम राम

राजा राम राम राम

हरे राम राम राम

सीता राम राम राम


कटे थे जितने सर इस युद्ध में

सबने था यह बोला,

राम के घर में देर भले हो

कबो अंधेर ना होला

बरिसन के संताप मिटल भगिया उजियाइल बा

राम मंदिर में अइले,

राम राज अब फिर से आइल बा


बोलो राम राम राम

राजा राम राम राम

हरे राम राम राम

सीता राम राम राम


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धन्य वह घर ही है मंदिर, जहाँ होती है रामायण (Dhanya Wah Ghar Hi Hai Mandir Jahan Hoti Hai Ramayan)

धन्य वह घर ही है मंदिर,
जहाँ होती है रामायण,

अयोध्या नाथ से जाकर पवनसुत हाल कह देना (Ayodhya Nath Se Jakar Pawansut Hal Kah Dena)

अयोध्या नाथ से जाकर पवनसुत हाल कह देना,
तुम्हारी लाड़ली सीता हुई बेहाल कह देना ।

शिव शंकर तुम्हरी जटाओ से, गंगा की धारा बहती है (Shiv Shankar Tumhari Jatao Se Ganga Ki Dhara Behti Hai)

शिव शंकर तुम्हरी जटाओ से,
गंगा की धारा बहती है,

गुप्त नवरात्रि पर राशि के अनुसार उपाय

सनातन धर्म में साल में आने वाली चारों नवरात्रि का बहुत खास महत्व है। हर साल चार बार नवरात्रि आती है, जिनमें से माघ गुप्त नवरात्रि भी शामिल हैं।

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