रामजी का मंदिर बनेगा धीरे धीरे
सरयू के तीरे, सरयू के तीरे
रामजी का मंदिर बनेगा धीरे धीरे
सरयू के तीरे, सरयू के तीरे
रज सभी विधाओं की आई अयोध्या
जल सारी नदियों से पहुँचा अयोध्या
चाँदी की हैं इंटें, नीव मे समाई
हीरे और मोती से पूजन है कराई
कलस पूजन होगा जन्मभूमि तीरे
रामजी का मंदिर बनेगा धीरे धीरे
सरयू के तीरे, सरयू के तीरे
ऊँचे ऊँचे शिखारों की कल्पना करी है
भव्य मंदिर की नीव पड़ी है
खुश हैं सभी साधु संत, नर-नारी
देश विदेश मे भी खुशियाँ हैं न्यारी
नाचेंगे गाएँगे भक्त धीरे धीरे
रामजी का मंदिर बनेगा धीरे धीरे
सरयू के तीरे, सरयू के तीरे
तुम्हे वंदना तुम्हें वंदना,
हे बुद्धि के दाता,
तुम्हे हर घडी माँ प्यार करेगी,
जरा माँ के दर पे तुम आकर के देखो,
तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो ।
तुम्ही हो बंधू, सखा तुम्ही हो ॥
तुम्हीं में ये जीवन जिए जा रहा हूँ
जो कुछ दे रहें हो लिए जा रहा हूँ ॥