रानी सती आज मेरे घर आई,
घर आई माँ घर आई,
मुझपे तरस ये खा गई,
और मेरा मान बढ़ा गई,
राणी सती आज मेरे घर आई,
घर आई माँ घर आई ॥
सुन ली मेरी दादी ने फरियाद,
रखली माँ ने बेटी की अब लाज,
अर्जी मेरी इसने सुनी,
अर्जी मेरी इसने सुनी,
मेरा साथ निभा गई,
और दुनिया को दिखला गई,
राणी सती आज मेरे घर आई,
घर आई माँ घर आई ॥
कैसे करूँ मैं दादी का सत्कार,
बेटी तो बस दे सकती है प्यार,
सुख की घडी आई बड़ी,
सुख की घडी आई बड़ी,
ये साँची प्रीत निभा गई,
और रुखा सूखा खा गई,
राणी सती आज मेरे घर आई,
घर आई माँ घर आई ॥
दिल में मेरे दादी की तस्वीर,
‘हर्ष’ जगी है आज मेरी तकदीर,
माँ के भजन गाउँ सदा,
माँ के भजन गाउँ सदा,
ये मुझसे प्यार जता गई,
और सिंह पे चढ़ कर आ गई,
राणी सती आज मेरे घर आई,
घर आई माँ घर आई ॥
रानी सती आज मेरे घर आई,
घर आई माँ घर आई,
मुझपे तरस ये खा गई,
और मेरा मान बढ़ा गई,
राणी सती आज मेरे घर आई,
घर आई माँ घर आई ॥
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, पितृ पक्ष में पितरों के निमित्त श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। हर साल भाद्रपद पूर्णिमा से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है और आश्विन अमावस्या तक चलता है।
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सोना खरीदना एक महत्वपूर्ण निर्णय होता है, और इसके लिए शुभ मुहूर्त का चयन करना भी उतना ही आवश्यक माना जाता है। हिंदू धर्म में सोना खरीदने के शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि शुभ मुहूर्त में सोना खरीदने से जीवन में समृद्धि और सौभाग्य आता है।
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