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रानी सती आज मेरे घर आई(Rani Sati Aaj Mere Ghar Aayi)

रानी सती आज मेरे घर आई(Rani Sati Aaj Mere Ghar Aayi)

रानी सती आज मेरे घर आई,

घर आई माँ घर आई,

मुझपे तरस ये खा गई,

और मेरा मान बढ़ा गई,

राणी सती आज मेरे घर आई,

घर आई माँ घर आई ॥


सुन ली मेरी दादी ने फरियाद,

रखली माँ ने बेटी की अब लाज,

अर्जी मेरी इसने सुनी,

अर्जी मेरी इसने सुनी,

मेरा साथ निभा गई,

और दुनिया को दिखला गई,

राणी सती आज मेरे घर आई,

घर आई माँ घर आई ॥


कैसे करूँ मैं दादी का सत्कार,

बेटी तो बस दे सकती है प्यार,

सुख की घडी आई बड़ी,

सुख की घडी आई बड़ी,

ये साँची प्रीत निभा गई,

और रुखा सूखा खा गई,

राणी सती आज मेरे घर आई,

घर आई माँ घर आई ॥


दिल में मेरे दादी की तस्वीर,

‘हर्ष’ जगी है आज मेरी तकदीर,

माँ के भजन गाउँ सदा,

माँ के भजन गाउँ सदा,

ये मुझसे प्यार जता गई,

और सिंह पे चढ़ कर आ गई,

राणी सती आज मेरे घर आई,

घर आई माँ घर आई ॥


रानी सती आज मेरे घर आई,

घर आई माँ घर आई,

मुझपे तरस ये खा गई,

और मेरा मान बढ़ा गई,

राणी सती आज मेरे घर आई,

घर आई माँ घर आई ॥

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चैत्र नवरात्रि कथा

चैत्र नवरात्रि हिंदू नव वर्ष के साथ आती है और इसे विशेष धार्मिक महत्व प्राप्त है। पंचांग के अनुसार, 2025 में चैत्र नवरात्र 30 मार्च से शुरू होकर 7 अप्रैल तक चलेगी।

शारदीय नवरात्रि पौराणिक कहानी

शारदीय नवरात्रि में नौ देवियों की पूजा की जाती है और यह शक्ति साधना का पर्व है। इस दौरान भक्तजन उपवास रखते हैं और विजयादशमी पर उत्सव मनाया जाता है।

गुरु पूर्णिमा की पूजा विधि

सनातन धर्म में गुरु ही हमें सही और गलत की समझ देते हैं और अच्छे-बुरे का अंतर सिखाते हैं। गुरुओं की महत्ता हमारी संस्कृति में सदियों से रही है। यहां तक कि गुरु को भगवान से भी ऊँचा दर्जा प्राप्त है।

गुरु पूर्णिमा की रोचक कथा

वैदिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह पूर्णिमा तिथि आती है, और इस दिन व्रत का विधान होता है। हालांकि, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।

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