रसिया को नार बनावो री रसिया को(Rasiya Ko Naar Banavo Ri Rasiya Korasiya Ko)

बोरी मत जाने , वृषभानु की किशोरी छे

होरी में तोसो काहु भाँति नही हारेगी

लाल तोहे पकर नचावे, गाल गुलचा लगावे

तोहे राधिका बानवे, आप कृष्णा बन जावेगी

प्रेमी कहे बलिहार, आप कृष्णा बन जावेगी..."

रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥


कटि लहंगा गल माल कंचुकी,

वाको चुनरी शीश उढाओ री,

रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥


बाँह बडा बाजूबंद सोहे,

वाको नकबेसर पहराओ री,

रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥


लाल गुलाल दृगन बिच काजर,

वाको बेंदी भाल लगावो री,

रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥


आरसी छल्ला और खंगवारी,

वाको अनपट बिछुआ पहराओ री,

रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥


नारायण करतारी बजाय के,

वाको जसुमति निकट नचाओ री,

रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥


रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥

रसिया को नार बनावो री रसिया को ॥

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तेरी मुरली की मैं हूँ गुलाम(Teri Murli Ki Main Huun Gulaam Mere Albele Shyam)

तेरी मुरली की मैं हूँ गुलाम, मेरे अलबेले श्याम
अलबेले श्याम मेरे मतवाले श्याम ॥

दर्श अमावस्या क्यों मनाई जाती है?

हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या का दिन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह अमावस्या पितरों की शांति और पूजा-पाठ के लिए समर्पित है।

दर पे तुम्हारे सांवरे (Dar Pe Tumhare Saware)

दर पे तुम्हारे सांवरे,
सर को झुका दिया,

कार्तिक पूर्णिमा पर राशि योग

कार्तिक पूर्णिमा में व्रत और पूजा-पाठ बहुत ही शुभ होते हैं। इस वर्ष यह व्रत 15 नवंबर 2024 को है। कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि में विशेष पूजा करने और स्नान-दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

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