रिद्धि सिद्धि का देव निराला,
शिव पार्वती का लाला,
सदा ही कल्याण करता,
मेरा देव है मंगलकारी,
सभी के भंडार भरता,
सभी के भंडार भरता ॥
शिव का दुलारा है,
ये गौरा महतारी है,
गज सा बदन तेरा,
मूष की सवारी है,
चढ़े पान फूल फल मेवा,
सारे संत करे तेरी सेवा,
सभी का तू ही मान रखता
मेरा देव है मंगलकारी,
सभी के भंडार भरता,
सभी के भंडार भरता ॥
दुन्द दुन्दाला है,
सूंड सुंडाला है,
भक्तो का मंगल,
करने वाला है,
तुझे मन से जो भी बुलाता,
पल भर में दौड़ा आता,
सफल सारे काम करता,
मेरा देव है मंगलकारी,
सभी के भंडार भरता,
सभी के भंडार भरता ॥
‘हर्ष’ कहे रे पहले इसको मनाले,
चरणों में इसके तू शीश झुका ले,
सारे विघ्न हटादे तेरे,
सारे काम बना दे तेरे,
दीनो के दुख दूर करता,
मेरा देव है मंगलकारी,
सभी के भंडार भरता,
सभी के भंडार भरता ॥
रिद्धि सिद्धि का देव निराला,
शिव पार्वती का लाला,
सदा ही कल्याण करता,
मेरा देव है मंगलकारी,
सभी के भंडार भरता,
सभी के भंडार भरता ॥
जून का महीना प्रेम और रिश्तों के क्षेत्र में नए अवसर और भावनात्मक गहराई लेकर आ रहा है। कई राशियों को पुराने संबंधों में सुधार का अवसर मिलेगा, जबकि कुछ को थोड़ी सावधानी और धैर्य से काम लेना होगा।
जून 2025 का महीना व्यापार से जुड़े लोगों के लिए नये अवसरों, साझेदारी प्रस्तावों और लाभ-हानि के संतुलन का समय है। इस माह ग्रहों की चाल विशेषकर बृहस्पति, शनि, राहु और बुध के प्रभाव व्यापारिक गतिविधियों को सीधे प्रभावित करेंगे।
जून 2025 का महीना नौकरीपेशा जातकों के लिए नए अवसरों, चुनौतियों और खुद का आकलन करने का समय बन सकता है। इस माह ग्रहों की चाल कार्यस्थल पर आपके प्रदर्शन और निर्णय क्षमता को प्रभावित करेगी।
ऋग्वेद