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रिद्धि सिद्धि का देव(Riddhi Siddhi Ka Dev Nirala)

रिद्धि सिद्धि का देव(Riddhi Siddhi Ka Dev Nirala)

रिद्धि सिद्धि का देव निराला,

शिव पार्वती का लाला,

सदा ही कल्याण करता,

मेरा देव है मंगलकारी,

सभी के भंडार भरता,

सभी के भंडार भरता ॥


शिव का दुलारा है,

ये गौरा महतारी है,

गज सा बदन तेरा,

मूष की सवारी है,

चढ़े पान फूल फल मेवा,

सारे संत करे तेरी सेवा,

सभी का तू ही मान रखता

मेरा देव है मंगलकारी,

सभी के भंडार भरता,

सभी के भंडार भरता ॥


दुन्द दुन्दाला है,

सूंड सुंडाला है,

भक्तो का मंगल,

करने वाला है,

तुझे मन से जो भी बुलाता,

पल भर में दौड़ा आता,

सफल सारे काम करता,

मेरा देव है मंगलकारी,

सभी के भंडार भरता,

सभी के भंडार भरता ॥


‘हर्ष’ कहे रे पहले इसको मनाले,

चरणों में इसके तू शीश झुका ले,

सारे विघ्न हटादे तेरे,

सारे काम बना दे तेरे,

दीनो के दुख दूर करता,

मेरा देव है मंगलकारी,

सभी के भंडार भरता,

सभी के भंडार भरता ॥


रिद्धि सिद्धि का देव निराला,

शिव पार्वती का लाला,

सदा ही कल्याण करता,

मेरा देव है मंगलकारी,

सभी के भंडार भरता,

सभी के भंडार भरता ॥

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32 साल से नहीं नहाए हैं छोटू बाबा

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। 48 दिनों तक चलने वाले इस विशाल धार्मिक मेले में लाखों श्रद्धालु और साधु-संत देश-विदेश से आने वाले हैं। इस भीड़ में एक नाम जो खास तौर पर ध्यान खींच रहा है, वह है असम के गंगापुरी महाराज, जिन्हें छोटू बाबा के नाम से भी जाना जाता है।

41 साल से मौन, IAS-की फ्री कोचिंग दे रहे हैं 'चाय वाले बाबा'

महाकुंभ के विशाल मेले में, जहां लाखों लोग धर्म और आध्यात्म की तलाश में जुटते हैं, वहां एक अनोखा दृश्य देखने को मिल रहा है। एक पायाहारी मौनी बाबा, जो पिछले 41 साल से मौन धारण किए हुए हैं, छात्रों को सिविल सेवा की मुफ्त कोचिंग दे रहे हैं।

144 बाद कुंभ में ये दुर्लभ संयोग

प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। करोड़ों श्रद्धालु और लाखों साधु संत त्रिवेणी संगम पर स्नान करने के लिए पहुंचने वाले हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। इसका सीधा संबंध देवताओं से जुड़ा हुआ है।

प्रयागराज के 5 ऐतिहासिक और धार्मिक मंदिर

महाकुंभ 2025 की शुरुआत 13 जनवरी से हो रही है। इस पवित्र अवसर पर लाखों श्रद्धालु संगम तट पर एकत्र होने के लिए तैयार हैं। यदि आप भी इस आध्यात्मिक महासमागम का हिस्सा बनने जा रहे हैं, तो प्रयागराज के इन 5 प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन करना न भूलें।

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