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सब कुछ मिला रे भोले, रहमत से तेरी(Sab Kuch Mila Re Bhole Rahmat Se Teri)

सब कुछ मिला रे भोले, रहमत से तेरी(Sab Kuch Mila Re Bhole Rahmat Se Teri)

सब कुछ मिला रे भोले,

रहमत से तेरी

तूने ही है सुनी इल्तिज़ा मेरी ।

बन के फ़कीर मैं चला राह में तेरी

तू न मिलया मुझको आस है तेरी ।

ओ सबकुछ मिला रे भोले रहमत से तेरी

तूने ही है सुनी इल्तिजा मेरी ॥


तन एक मंदिर है ,रूह एक ज़रिया,

तू ना मिलेगा चाहे खोज लो दरिया,

रहता है कहाँ पे तू किस देश भेष में

मिल जा मुझे बस सुन ले

इतनी सी फरियाद,

ना कोई अपना है, सब है पराया

तुझ से ही है मोहब्बत बेइंतिहा मेरी ।

सब कुछ मिला रे भोले,

रहमत से तेरी

तूने ही है सुनी इल्तिज़ा मेरी ।


बन के फ़कीर मैं चला राह में तेरी

तू न मिलया मुझको आस है तेरी ।


कठिन सफर में, बन के,

फ़िरा बंजारा, राह में काँटे हैं,

फिर भी क्या खूब है नज़ारा,

जानता है तू भोले हर चित्त की चोरी

तूने है थामी मेरे जीवन की ये डोरी

मेरी ये सांस तू है मेरा विश्वाश तू है

किस्मत की है ना जरूरत,

लक़ीरों को मेरी,

सब कुछ मिला रे भोले,

रहमत से तेरी

तूने ही है सुनी इल्तिज़ा मेरी ।

बन के फ़कीर मैं चला राह में तेरी

तू न मिलया मुझको आस है तेरी ।

सब कुछ मिला रे भोले,

रहमत से तेरी

तूने ही है सुनी इल्तिज़ा मेरी।

बन के फ़कीर मैं चला राह में तेरी

तू न मिलया मुझको आस है तेरी ॥

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आदित्य हृदय स्तोत्रम् (Aditya Hridaya Stotram)

ॐ अस्य आदित्यह्रदय स्तोत्रस्य, aaditya hriday stotra

हरियाली अमावस्या : पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने और पर्यावरण संरक्षण का अनोखा पर्व

आज 4 अगस्त यानी रविवार को हरियाली अमावस्या है, ये तिथि भगवान शिव को समर्पित श्रावण मास की एक विशेष तिथि है जो हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। माना जाता है कि साल के इस समय धरती हरियाली की चादर से ढक जाती है इसलिए श्रावण अमावस्या को हरियाली का त्यौहार कहा जाता है।

हरियाली तीज (Hariyali Teej)

हरियाली तीज, जिसे श्रावण तीज के नाम से भी जाना जाता है, एक पारंपरिक हिंदू त्योहार है जो भारत और नेपाल में मनाया जाता है। हरियाली तीज का अर्थ है "हरियाली की तीज" या "हरित तीज"। यह नाम इसलिए पड़ा है क्योंकि यह त्योहार मानसून के मौसम में मनाया जाता है, जब प्रकृति में हरियाली का प्रवेश होता है। यह पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर जुलाई या अगस्त में पड़ती है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा का विधान है।

हरियाली तीज: शिव-पार्वती से सीखें रिश्ते सहेजना

शिव और पार्वती की प्रेम कहानी एक अनोखी और प्यारी कहानी है, जो हमें रिश्तों के मायने सिखाती है। यह कहानी हमें बताती है कि प्यार और सम्मान से भरे रिश्ते को कैसे बनाए रखा जा सकता है। हरियाली तीज का पर्व शिव और पार्वती के प्रेम की याद दिलाता है।

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