सबके दिल में,
श्याम की तस्वीर है,
कोई धन्ना सेठ,
कोई फकीर है,
दर पे आता वहीं,
जिसकी तकदीर है,
सबके दिल मे,
श्याम की तस्वीर है ॥
करम भले तो दर मिले,
करम बुरे तो ना,
करमो का हिसाब रखें,
सांवरा सलोना,
बांधी कर्मों की ये,
सबको जंजीर है,
सबके दिल मे,
श्याम की तस्वीर है ॥
श्याम का दर गर मिला,
कह लो दिल का हाल,
सांवरे के लाल का,
हो ना बांका बाल,
काटे संकट सभी,
मार एक तीर है,
सबके दिल मे,
श्याम की तस्वीर है ॥
धन दौलत से ना तुले,
तुलसी-दल तुल जाये,
मोरछडी से सांवरा,
हर ताला खुलवाये,
‘बिट्टु’ श्याम मिलन,
की ये तदबीर है,
सबके दिल मे,
श्याम की तस्वीर है ॥
सबके दिल में,
श्याम की तस्वीर है,
कोई धन्ना सेठ,
कोई फकीर है,
दर पे आता वहीं,
जिसकी तकदीर है,
सबके दिल मे,
श्याम की तस्वीर है ॥
सरस्वती नदी का उल्लेख विशेष रूप से ऋग्वेद, महाभारत, और विष्णु पुराण जैसे ग्रंथों में किया गया है। वेदों में इसे एक दिव्य नदी के रूप में पूजा गया है और यह ज्ञान, कला और संगीत की देवी सरस्वती से जुड़ी हुई मानी जाती है।
राधे जय जय माधव-दयिते
गोकुल-तरुणी-मंडल-महिते
गलियां चारों बंद हुई,
मिलूं कैसे हरी से जाये ।
ऐसा सुंदर स्वभाव कहाँ पाया,
राघवजी तुम्हें ऐसा किसने बनाया ।