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सबसे पहला मनावा, थाने देवा रा सरदार (Sabse Pahle Manaba Thane Deva Ra Sardar)

सबसे पहला मनावा, थाने देवा रा सरदार (Sabse Pahle Manaba Thane Deva Ra Sardar)

सबसे पहला मनावा,

थाने देवा रा सरदार,

रणत भवन सु आप पधारो,

हो रही जय जयकार,

सबसु पहला मनावा,

थाने देवा रा सरदार ॥


शंकर सूत थाने दुनिया है ध्यावे,

गिरजा भवानी थाने लाड़ है लड़ावे,

मूसे चढ़कर आओ,

थारी खूब करा मनुहार,

रणत भवन सु आप पधारो,

हो रही जय जयकार,

सबसु पहला मनावा,

थाने देवा रा सरदार ॥


दुंद दुन्दाला थे हो सूंड सुंडाला,

थारे गले में सोवे मोतियन माला,

पीताम्बर वस्त्रां रो,

थे खूब करो श्रृंगार,

रणत भवन सु आप पधारो,

हो रही जय जयकार,

सबसु पहला मनावा,

थाने देवा रा सरदार ॥


लड्डुवन रो बाबा थाने भोग लगावा,

तिलक लगावा मीठा भजन सुनावा,

दयावन्त वरदायक,

हे विनायक महाराज,

रणत भवन सु आप पधारो,

हो रही जय जयकार,

सबसु पहला मनावा,

थाने देवा रा सरदार ॥


खाता बया में थारो नाम है लिखीजे,

शादी विवाह में थाने प्रथम नुतीजे,

‘विमल’ थारा गुण गावे,

थे खूब भरो भंडार,

रणत भवन सु आप पधारो,

हो रही जय जयकार,

सबसु पहला मनावा,

थाने देवा रा सरदार ॥


सबसे पहला मनावा,

थाने देवा रा सरदार,

रणत भवन सु आप पधारो,

हो रही जय जयकार,

सबसु पहला मनावा,

थाने देवा रा सरदार ॥

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देवों के देव है ये, महादेव कहलाते है (Devon Ke Dev Hai Ye Mahadev Kahlate Hai)

सबको अमृत बांटे,
खुद विष पि जाते है,

देवता भी स्वार्थी थे, दौड़े अमृत के लिए (Dewata Bhi Swarthi The, Daude Amrat Ke Liye)

देवता भी स्वार्थी थे,
दौड़े अमृत के लिए,

धन धन भोलेनाथ बॉंट दिये, तीन लोक (Dhan Dhan Bholenath Bant Diye Teen Lok)

प्रथम वेद ब्रह्मा को दे दिया,
बना वेद का अधीकारी ।

मां लक्ष्मी पूजा विधि

दीपावली, जिसे दीपोत्सव या महालक्ष्मी पूजन का पर्व भी कहा जाता है, भारतीय संस्कृति का सबसे पावन त्योहारों में से एक है। यह पर्व विशेषकर धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए ही मनाया जाता है।

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