सबसे पहले मनाऊँ गणराज,
गजानंद आ जइयो,
म्हारी विनती सुनो महाराज,
गजानंद आ जइयो ॥
आज ये कैसी शुभ घड़ी आई,
अंगना में मोरे बजत बधाई,
मेरी रख लो सभा में लाज,
गजानंद आ जइयो,
सबसे पहले मनाऊ गणराज,
गजानंद आ जइयो ॥
बड़ा प्रेम से थाने मनाऊं,
मोदक को थाने भोग लगाऊं,
रिद्धि सिद्धि ने लाजो साथ,
गजानंद आ जइयो,
सबसे पहले मनाऊ गणराज,
गजानंद आ जइयो ॥
बल बुद्धि के तुम हो दाता,
जो कोई तुम्हरी शरण में आता,
मैं भी आया शरण में आज,
गजानंद आ जइयो,
सबसे पहले मनाऊ गणराज,
गजानंद आ जइयो ॥
सबसे पहले मनाऊँ गणराज,
गजानंद आ जइयो,
म्हारी विनती सुनो महाराज,
गजानंद आ जइयो ॥
पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। इस तिथि पर उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र और गण्ड योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा कन्या राशि में हैं और सूर्य मीन राशि में मौजूद हैं।
पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। इस तिथि पर हस्त नक्षत्र और वृद्धि योग का संयोग बन रहा है।
पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है। इस तिथि पर चित्रा नक्षत्र और ध्रुव योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा तुला राशि में हैं और सूर्य मीन राशि में मौजूद हैं।
होली भाई दूज भाई-बहन के प्रेम और स्नेह के प्रतीक का त्योहार है, जो होली के बाद मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई को तिलक कर उसकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की प्रार्थना करती है।