सबसे ऊंची प्रेम सगाई,
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।
दुर्योधन के मेवा त्याग्यो,
साग विदुर घर खाई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।
जूठे फल शबरी के खाये,
बहु विधि स्वाद बताई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।
राजसूय यज्ञ युधिष्ठिर कीन्हा,
तामे जूठ उठाई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।
प्रेम के बस पारथ रथ हांक्यो,
भूल गये ठकुराई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।
ऐसी प्रीत बढ़ी वृन्दावन,
गोपियन नाच नचाई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।
प्रेम के बस नृप सेवा कीन्हीं,
आप बने हरि नाई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।
सूर क्रूर एहि लायक नाहीं,
केहि लगो करहुं बड़ाई ।
सबसे ऊंची प्रेम सगाई ।
गंगा दशहरा हिंदू धर्म का एक अत्यंत पवित्र और श्रद्धा से जुड़ा पर्व है, जिसे ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है।
गंगा दशहरा का पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत पुण्यदायक माना गया है। यह पर्व गंगा मैया के धरती पर अवतरण की स्मृति में मनाया जाता है और इस दिन का विशेष महत्व गंगा स्नान, दान-पुण्य और पितृ तर्पण से जुड़ा होता है।
गंगा दशहरा हिंदू धर्म का एक अत्यंत पुण्य और पावन पर्व है, जिसे ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन देवी गंगा के स्वर्ग से पृथ्वी पर अवतरण का प्रतीक है।
गंगा दशहरा का पर्व हिन्दू पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है।