सदाशिव सर्व वरदाता, दिगम्बर हो तो ऐसा हो (Sada Shiv Sarva Var Data Digamber Ho To Aisa Ho)

सदाशिव सर्व वरदाता,

दिगम्बर हो तो ऐसा हो ।

हरे सब दुःख भक्तों के,

दयाकर हो तो ऐसा हो ॥


शिखर कैलाश के ऊपर,

कल्पतरुओं की छाया में ।

रमे नित संग गिरिजा के,

रमणधर हो तो ऐसा हो ॥


सदाशिव सर्व वरदाता,

दिगम्बर हो तो ऐसा हो ।


शीश पर गंग की धारा,

सुहाए भाल पर लोचन ।

कला मस्तक पे चन्दा की,

मनोहर हो तो ऐसा हो ॥


सदाशिव सर्व वरदाता,

दिगम्बर हो तो ऐसा हो ।


भयंकर जहर जब निकला,

क्षीरसागर के मंथन से ।

रखा सब कण्ठ में पीकर,

कि विषधर हो तो ऐसा हो ॥


सदाशिव सर्व वरदाता,

दिगम्बर हो तो ऐसा हो ।


सिरों को काटकर अपने,

किया जब होम रावण ने ।

दिया सब राज दुनियाँ का,

दिलावर हो तो ऐसा हो ॥


सदाशिव सर्व वरदाता,

दिगम्बर हो तो ऐसा हो ।


बनाए बीच सागर के,

तीन पुर दैत्य सेना ने ।

उड़ाए एक ही शर से,

त्रिपुरहर हो तो ऐसा हो ॥


सदाशिव सर्व वरदाता,

दिगम्बर हो तो ऐसा हो ।


देवगण दैत्य नर सारे,

जपें नित नाम शंकर जो,

वो ब्रह्मानन्द दुनियाँ में,

उजागर हो तो ऐसा हो ॥


सदाशिव सर्व वरदाता,

दिगम्बर हो तो ऐसा हो ।

हरे सब दुःख भक्तों के,

दयाकर हो तो ऐसा हो ॥


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नंद रानी तेरो लाला जबर भयो रे(Nand Rani Tero Lala Zabar Bhayo Re)

नंद रानी तेरो लाला जबर भयो रे/री
महारानी तेरो लाला जबर भयो रे/री

मासिक दुर्गाष्टमी तिथि और शुभ-मुहूर्त

प्रत्येक महीने की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी मनाई जाती है। इस दिन देवी दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती है। धार्मिक मत है कि जगत की देवी मां दुर्गा के चरण और शरण में रहने से साधक को सभी प्रकार के सुखों मिलते हैं।

पहली बार सकट चौथ करते समय इन बातों का ध्यान रखें

हिंदू धर्म में संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि से जुड़े कई व्रत-त्योहार हैं। जिनमें से सकट चौथ का पर्व विशेष माना जाता है। यह व्रत भगवान गणेश को समर्पित है। इस दिन महिलाएं संतान की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए निर्जला व्रत रखती हैं।

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