सजा दों उज्जैनी दरबार (Saja Do Ujjaini Darbar)

सजा दो उज्जैनी दरबार,

मेरे महाकाल आये है ॥


दोहा – करता करे ना कर सके,

शिव करे सो होय,

तीन लोक नौखंड में,

शिव से बड़ा ना कोय ॥


सजा दो उज्जैनी दरबार,

मेरे महाकाल आये है,

मेरे महाकाल आये है,

मेरे महाकाल आये है,

लगे क्षिप्रा भी गंगा सी,

मेरे महाकाल आये है,

सजा दों उज्जैनी दरबार,

मेरे महाकाल आये है ॥


पखारों इनके चरणों को,

बहाकर प्रेम की गंगा,

बहाकर प्रेम की गंगा,

पिला दो विष को अमृत सा,

पिला दो विष को अमृत सा,

मेरे महाकाल आये है,

सजा दों उज्जैनी दरबार,

मेरे महाकाल आये है ॥


तुम आकर फिर नहीं जाना,

मेरी इस सुनी दुनिया से,

मेरी इस सुनी दुनिया से,

रमा दो भस्म भूतों सी,

रमा दो भस्म भूतों सी,

मेरे महाकाल आये है,

सजा दों उज्जैनी दरबार,

मेरे महाकाल आये है ॥


सजा दों उज्जैनी दरबार,

मेरे महाकाल आये है,

मेरे महाकाल आये है,

मेरे महाकाल आये है,

लगे क्षिप्रा भी गंगा सी,

मेरे महाकाल आये है,

सजा दों उज्जैनी दरबार,

मेरे महाकाल आये है ॥


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बीच भंवर में फसी मेरी नैया,
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