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सखी री दो कुंवर सुंदर, मनोहर आज आये है (Sakhi Ri Do Kunwar Sundar Manohar Aaj Aaye Hain)

सखी री दो कुंवर सुंदर, मनोहर आज आये है (Sakhi Ri Do Kunwar Sundar Manohar Aaj Aaye Hain)

सखी री दो कुंवर सुंदर,

मनोहर आज आये है,

चले दो लाल सजधज कर,

ना जाने किसके जाये है,

सखी री दो कुँवर सुंदर,

मनोहर आज आये है ॥


बड़े को राम कहते है,

लखन है नाम छोटे का,

अयोध्या धाम है इनका,

कौशल्या दशरथ के जाए है,

सखी री दो कुँवर सुंदर,

मनोहर आज आये है ॥


धनुष कर में लिए है वे,

गले में पुष्प माला है,

पड़े है कान में कुण्डल,

मुकुट सिर पर लगाए है,

सखी री दो कुँवर सुंदर,

मनोहर आज आये है ॥


सुनैना मैया ने देखा,

जनक राजा से ये पूछा,

धनुष को तोड़कर मेरी,

सिया को ब्याहने आए है,

सखी री दो कुँवर सुंदर,

मनोहर आज आये है ॥


बधैया बाज रही मिथिला,

अयोध्या आनंद छायो है,

हमारे जानकी रघुवर,

की जोड़ी मन को भायी है,

सखी री दो कुँवर सुंदर,

मनोहर आज आये है ॥


सखी री दो कुंवर सुंदर,

मनोहर आज आये है,

चले दो लाल सजधज कर,

ना जाने किसके जाये है,

सखी री दो कुँवर सुंदर,

मनोहर आज आये है ॥

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