सामने आओगे या आज भी (Samne Aaoge Ya Aaj Bhi)

सामने आओगे या आज भी परदा होगा,

सामने आओंगे या आज भी परदा होगा,

रोज ऐसा ही अगर होगा तो कैसा होगा,

रोज ऐसा ही अगर होगा, तो कैसा होगा,

सामने आओगे या आज भी परदा होगा ॥


मौत आती है तो आ जाये कोई गम ही नहीं,

मौत आती है तो आ जाये, कोई गम ही नहीं,

वो भी तो आएगा, जो मेरा मसीहा होगा,

सामने आओंगे या आज भी परदा होगा ॥


मैंने मोहन को बुलाया है वो आता होगा,

मैंने मोहन को बुलाया, है वो आता होगा,

वो आता होगा, २

वो आता होगा, २

मैंने, मोहन, को, बुलाया है, वो आता होगा,

मैंने मोहन को बुलाया है वो आता होगा,

तुम भी आना, मेरे घर आज तमाशा होगा,

सामने आओंगे या आज भी परदा होगा ॥


हम गुनाहगारो ने सोचा ही नही था प्यारे,

हम गुनाहगारो ने, सोचा ही नही था प्यारे,

जिक्र मोहन की गली में, भी हमारा होगा,

सामने आओंगे या आज भी परदा होगा ॥


सामने आओगे या आज भी परदा होगा,

रोज ऐसा ही अगर होगा तो कैसा होगा,

रोज ऐसा ही अगर होगा, तो कैसा होगा,

सामने आओंगे या आज भी परदा होगा ॥

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Sher Pe Sawar Hoke Aaja Sherawaliye (शेर पे सवार होके आजा शेरावालिए)

शेर पे सवार होके आजा शेरा वालिये। (शेर पे सवार होके आजा शेरा वालिये।)

चैत्र अमावस्या पर करें पितृ सूक्त पाठ

हिंदू धर्म में चैत्र मास की अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है। यह दिन पूर्वजों को याद करने और उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म और तर्पण करने के लिए शुभ माना जाता है।

भरदे रे श्याम झोली भरदे (Bharde Re Shyam Jholi Bhar De)

भरदे रे श्याम झोली भरदे,
भरदे, ना बहला ओ बातों में,

जन मानस में गुंज रहा है, जय श्री राम (Jan Manas Mein Goonj Raha Hai Jai Shri Ram)

जन मानस में गूंज रहा है,
जय श्री राम जय श्री राम,

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