साँवरियो है सेठ,
म्हारी राधा जी सेठाणी है,
साँवरियों है सेठ,
म्हारी राधा जी सेठाणी है,
ये तो जाने दुनिया सारी है ॥
राजाओं के राजा,
महारानी की रानी,
सिरमौर मुकुट साझे,
जोड़ी बड़ी प्यारी,
दरबार है प्यारा,
राधा के संग साझे,
सुने पलने सेठ,
सुने पलने सेठ,
सुने पलने सेठाणी है,
ये तो जाने दुनिया सारी है ॥
सांवरियां राधा जी,
भक्ता पे है राजी,
करे घणो लाड है,
भंडार लुटावे है,
हर बात बणावे है,
भक्ता रा ठाट है,
देवे छप्पर फाड़,
देवे छप्पर फाड़,
नही इनसो कोई दानी है,
ये जाने दुनिया सारी है ॥
सुख दुख मे साँवरियो,
सुख दुख मे राधा जी,
सदा तेरे साथ है,
मेरी चिंता दुर करे,
मेरी विपदा दुर करे,
रख लेवे बात है,
भक्ता रो तो काम,
भक्ता रो तो काम,
बस एक हाजरी लगाणि है,
ये जाने दुनिया सारी है ॥
साँवरियो है सेठ,
म्हारी राधा जी सेठाणी है,
साँवरियों है सेठ,
म्हारी राधा जी सेठाणी है,
ये तो जाने दुनिया सारी है ॥
मेरी चौखट पे चलके आज,
चारों धाम आए है,
मेरे हनुमान का तो,
काम ही निराला है ॥
सनातन धर्म में अग्नि देवता को देवताओं का मुख माना जाता है। वे देवताओं और मनुष्यों के बीच एक संदेशवाहक भी माने जाते हैं। अग्नि देवता यज्ञों के देवता भी हैं।
भगवान कार्तिकेय को सुब्रमण्यम, कार्तिकेयन, स्कंद और मुरुगन जैसे नामों से जाना जाता है। वे शक्ति और विजय के देवता हैं। उनकी आराधना से जीवन में सुख-समृद्धि, सफलता और सभी प्रकार की बाधाओं का निवारण होता है।