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सारा बरसाना तेरा दीवाना हुआ(Sara Barsana Tera Deewana Hua)

सारा बरसाना तेरा दीवाना हुआ(Sara Barsana Tera Deewana Hua)

तेरी मुरली की धुन,

हमने जबसे सुनी,

सारा बरसाना तेरा दीवाना हुआ,

मिली तुमसे नजर,

मेरी जब सांवरे,

ये दिल भी हमारा बेगाना हुआ ॥


हर किसी को तेरी यहाँ दरकार है,

मानते है सभी श्याम सरकार है,

अब किसी से कोई श्याम शिकवा नहीं,

सामने फिर तुम्हारा जो आना हुआ,

तेरी मुरली की धुन,

हमने जबसे सुनी,

सारा बरसाना तेरा दिवाना हुआ ॥


हम जीते थे मर मर के ओ सांवरे,

दर पे आके तेरे हम हुए बांवरे,

दुखड़े कितने है सहने बता दे मुझे,

सुख देखे मोहन इक जमाना हुआ,

तेरी मुरली की धुन,

हमने जबसे सुनी,

सारा बरसाना तेरा दिवाना हुआ ॥


चाहे काली घटा हो या लाखों तूफाँ,

तुमको आना पड़ेगा कन्हैया यहाँ,

तेरे चरणों में ऐ मुरली वाले मेरे,

आज तक ना हमारा ठिकाना हुआ,

तेरी मुरली की धुन,

हमने जबसे सुनी,

सारा बरसाना तेरा दिवाना हुआ ॥


गिर ना जाऊँ तेरी इन कठिन राहो में,

पास आजा मेरे थाम ले बांहो में,

अब ‘सुरेन्द्र’ को अपना बना सांवरे,

बैरी दुश्मन ये सारा ज़माना हुआ,

तेरी मुरली की धुन,

हमने जबसे सुनी,

सारा बरसाना तेरा दिवाना हुआ ॥


तेरी मुरली की धुन,

हमने जबसे सुनी,

सारा बरसाना तेरा दीवाना हुआ,

मिली तुमसे नजर,

मेरी जब सांवरे,

ये दिल भी हमारा बेगाना हुआ ॥

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चैत्र नवरात्रि प्रथम दिन की पूजा विधि

हर साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हिंदू नववर्ष के साथ होती है। यह पूजा-पाठ के लिए बहुत शुभ समय माना जाता है और पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप देवी शैलपुत्री की पूजा की जाती है।

नवरात्रि में क्यों नहीं खाते लहसुन-प्याज

नवरात्रि में मां का आशीर्वाद पाने के लिए 9 दिनों तक व्रत रखते हैं और पूरे विधि-विधान से पूजा करते हैं। मां दुर्गा की पूजा में नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है, वरना पूजा निरर्थक हो जाती है। इन्हीं नियमों में खानपान के नियम भी शामिल हैं।

चैत्र नवरात्रि व्रत में क्या खाएं

आध्यात्मिक इच्छाओं की पूर्ति, सिद्धि प्राप्ति, मोक्ष के लिए चैत्र नवरात्रि को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

चैत्र नवरात्रि दूसरे दिन की पूजा विधि

चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है जो मां दुर्गा का स्वरूप हैं। मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए कठिन तपस्या की थी। इसलिए उन्हें तपस्या की देवी माना जाता है।

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