सारा बरसाना तेरा दीवाना हुआ(Sara Barsana Tera Deewana Hua)

तेरी मुरली की धुन,

हमने जबसे सुनी,

सारा बरसाना तेरा दीवाना हुआ,

मिली तुमसे नजर,

मेरी जब सांवरे,

ये दिल भी हमारा बेगाना हुआ ॥


हर किसी को तेरी यहाँ दरकार है,

मानते है सभी श्याम सरकार है,

अब किसी से कोई श्याम शिकवा नहीं,

सामने फिर तुम्हारा जो आना हुआ,

तेरी मुरली की धुन,

हमने जबसे सुनी,

सारा बरसाना तेरा दिवाना हुआ ॥


हम जीते थे मर मर के ओ सांवरे,

दर पे आके तेरे हम हुए बांवरे,

दुखड़े कितने है सहने बता दे मुझे,

सुख देखे मोहन इक जमाना हुआ,

तेरी मुरली की धुन,

हमने जबसे सुनी,

सारा बरसाना तेरा दिवाना हुआ ॥


चाहे काली घटा हो या लाखों तूफाँ,

तुमको आना पड़ेगा कन्हैया यहाँ,

तेरे चरणों में ऐ मुरली वाले मेरे,

आज तक ना हमारा ठिकाना हुआ,

तेरी मुरली की धुन,

हमने जबसे सुनी,

सारा बरसाना तेरा दिवाना हुआ ॥


गिर ना जाऊँ तेरी इन कठिन राहो में,

पास आजा मेरे थाम ले बांहो में,

अब ‘सुरेन्द्र’ को अपना बना सांवरे,

बैरी दुश्मन ये सारा ज़माना हुआ,

तेरी मुरली की धुन,

हमने जबसे सुनी,

सारा बरसाना तेरा दिवाना हुआ ॥


तेरी मुरली की धुन,

हमने जबसे सुनी,

सारा बरसाना तेरा दीवाना हुआ,

मिली तुमसे नजर,

मेरी जब सांवरे,

ये दिल भी हमारा बेगाना हुआ ॥

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छठ पूजा: पटना के घाट पर (Patna Ke Ghat Par Chhath)

पटना के घाट पर,
हमहु अरगिया देब,

बरसाने की लट्ठमार होली

बरसाने में हर साल लट्ठमार होली फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मनाई जाती है। इस साल 2025 में यह त्योहार 8 मार्च को मनाया जाएगा। पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक बार भगवान श्रीकृष्ण अपने मित्रों के साथ राधारानी से भेंट करने के लिए बरसाना गए, और वहां जाकर राधारानी और उनकी सखियों को छेड़ने लगे।

वामन अवतार की पूजा विधि

वामन द्वादशी का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। यह पर्व हर साल दो बार मनाया जाता है। एक चैत्र मास की द्वादशी तिथि को और दूसरा भाद्रपद मास की द्वादशी तिथि को।

मां खजाने बैठी खोल के(Maa Khajane Baithi Khol Ke)

शेरावाली माँ खजाने बैठी खोल के,
जोतावाली माँ खजाने बैठी खोल के,

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