सत्संगति से प्यार करना सीखोजी
जीवन का उद्धार करना सीखोजी
सत्संगति से प्यार करना सीखोजी
जीवन का उद्धार करना सीखोजी
सत्संगति से प्यार करना सीखोजी
जीवन का उद्धार करना सीखोजी
सत्संगति से प्यार करना सीखोजी
जीवन का उद्धार करना सीखोजी
तन धन दाम संग ना जावयए
सुत दारा कोई काम ना आवये - x2
ममता का संघार करना सीखोजी
जीवन का उद्धार करना सीखोजी
सत्संगति से प्यार करना सीखोजी
जीवन का उद्धार करना सीखोजी
॥ सत्संगति से प्यार करना...॥
यह जाग मोहनी नीद का सपना
नही कोई गैर नही कोई अपना
सत्य असत्य विचार करना सीखोजी
जीवन का उद्धार करना सीखोजी
॥ सत्संगति से प्यार करना...॥
हरि का भजन नित्य प्रति कीजे
अंतःकरण शुद्ध कर लीजे
आत्म साक्ष करना सीखोजी
जीवन का उद्धार करना सीखोजी
॥ सत्संगति से प्यार करना...॥
भिक्षु कहे सुनो मन मेरो
नर तन भव भरिढ़ कहु बेरो
भव से बेड़ा पार करना सीखोजी
जीवन का उद्धार करना सीखोजी
॥ सत्संगति से प्यार करना...॥
सत्संगति से प्यार करना सीखोजी
जीवन का उद्धार करना सीखोजी
सत्संगति से प्यार करना सीखोजी
जीवन का उद्धार करना सीखोजी
परशुराम द्वादशी का पर्व भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी को समर्पित है, जो वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह व्रत विशेष रूप से संतान के प्राप्ति की कामना रखने वाले लोगों के लिए फलदायी होता हैं।
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है, जो भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। यह व्रत सभी पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का अत्यंत महत्व है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना के लिए एक विशेष दिन माना जाता है, जो हर महीने दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास का शुक्र प्रदोष व्रत 2025 में एक अत्यंत शुभ योग लेकर आ रहा है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता हैI