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सांवरिया तेरे दीदार ने, दीवाना कर दिया(Sawariya Tere Deedar Ne Deewana Kar Diya)

सांवरिया तेरे दीदार ने, दीवाना कर दिया(Sawariya Tere Deedar Ne Deewana Kar Diya)

सांवरिया तेरे दीदार ने,

दीवाना कर दिया,

मुझे दीवाना कर दिया,

कहीं भी लागे ना जिया,

साँवरिया तेरे दीदार ने,

दीवाना कर दिया ॥


साँवली सलोनी छवी,

चित को चुरावे,

मनड़े री डोर खींचे,

जादू सो चलावे,

देखूं जिधर तू ही उधर,

आए है नज़र,

मस्ती में तूने साँवरे,

मस्ताना कर दिया,

साँवरिया तेरे दीदार ने,

दीवाना कर दिया,

मुझे दीवाना कर दिया,

कहीं भी लागे ना जिया,

साँवरिया तेरे दीदार ने,

दीवाना कर दिया ॥


तेरी कृपा से श्याम,

दर ये मिला,

सब कुछ भूल गया,

मैं तेरा हुआ,

दीन दयालू ओ कृपालू,

दिल के सबर,

भक्ति की लौ का सांवरे,

परवाना कर दिया,

साँवरिया तेरे दीदार ने,

दीवाना कर दिया,

मुझे दीवाना कर दिया,

कहीं भी लागे ना जिया,

साँवरिया तेरे दीदार ने,

दीवाना कर दिया ॥


मेरा हाल ए दिल,

ना तुम से छुपा,

कैसे मिलोगे श्याम,

कुछ तो बता,

अंतर्यामी मेरे स्वामी,

राखे सब खबर,

‘विप्लव’ के पीछे साँवरे,

ज़माना कर दिया,

साँवरिया तेरे दीदार ने,

दीवाना कर दिया,

मुझे दीवाना कर दिया,

कहीं भी लागे ना जिया,

साँवरिया तेरे दीदार ने,

दीवाना कर दिया ॥


सांवरिया तेरे दीदार ने,

दीवाना कर दिया,

मुझे दीवाना कर दिया,

कहीं भी लागे ना जिया,

साँवरिया तेरे दीदार ने,

दीवाना कर दिया ॥

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नवरात्रि में खास संयोग से धन लाभ

हर साल चैत्र नवरात्रि बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है। मगर साल 2025 की चैत्र नवरात्रि बहुत ही खास है क्योंकि इस अवसर पर तीन महत्वपूर्ण शुभ संयोग बनने वाले हैं।

नवरात्रि से एक दिन पहले सूर्य सूर्यग्रहण

इस साल चैत्र नवरात्रि के एक दिन पहले, 29 मार्च को सूर्य ग्रहण लग रहा है, जो साल का पहला सूर्य ग्रहण है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण से कई राशियों में भी बदलाव देखने को मिलता है।

नवरात्रि में खान-पान के नियम

नवरात्रि भारत में बहुत श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। यह पर्व मां दुर्गा की आराधना के लिए समर्पित है, और इस दौरान लोग व्रत रखते हैं। व्रत का उद्देश्य केवल भूखा रहना नहीं, बल्कि शरीर और मन की शुद्धि भी होता है।

चैत्र नवरात्रि: कलश, शंख और तुलसी पौधा लाने की वजह

चैत्र नवरात्रि के समय वातावरण में नई ऊर्जा और भक्ति का संचार होता है। मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के साथ श्रद्धालु कई पारंपरिक रीति-रिवाज भी करते हैं।

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