शमसानो के वासी हो,
भूतों का है साथ,
तेरा गंगा किनारे डेरा,
तेरा गंगा किनारे डेरा,
ओ बाबा भूतनाथ,
शमसानों के वासी हो,
भूतों का है साथ ॥
देवों में महादेव हो बाबा,
सारी दुनिया ध्याति है,
श्रद्धा से चरणों में तेरे,
आकर शीश झुकाती है,
जो पाँव पकड़ ले तेरे,
जो पाँव पकड़ ले तेरे,
तू पकडे उनके हाथ,
शमसानों के वासी हो,
भूतों का है साथ ॥
श्रष्टि के ओ सिरजनहारे,
तेरे ढंग निराले है,
देवों की रक्षा के खातिर,
पीता विष के प्याले है,
हम भोले भक्तों का तू,
हम भोले भक्तों का तू,
रक्षक है भोलेनाथ,
शमसानों के वासी हो,
भूतों का है साथ ॥
सोमवार को तेरा दर्शन,
बहुत बड़ा शुभकारी है,
तेरी दया से हम भक्तो की,
कटती विपदा सारी है,
इस ‘हर्ष’ का भोले बाबा,
इस ‘हर्ष’ का भोले बाबा,
तू देना हरदम साथ,
शमसानों के वासी हो,
भूतों का है साथ ॥
शमसानो के वासी हो,
भूतों का है साथ,
तेरा गंगा किनारे डेरा,
तेरा गंगा किनारे डेरा,
ओ बाबा भूतनाथ,
शमसानों के वासी हो,
भूतों का है साथ ॥
सनातन हिंदू धर्म के अनुयायी हर साल सावन माह की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाते हैं। इस साल रक्षाबंधन 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। हालांकि, इस दिन भद्रा काल का साया भी रहेगा, जिसे अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि भद्रा काल में राखी बांधना शुभ नहीं होता।
दिवाली का दिन महालक्ष्मी का वरदान पाने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। दीपावली की रात सबसे अधिक अंधेरी होती है, और मान्यता है कि इस रात महालक्ष्मी पृथ्वी का भ्रमण करती हैं।
धनतेरस का पर्व प्रति वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अपने हाथ में अमृत से भरा कलश लेकर प्रकट हुए थे।
मार्च का महीना वसंत ऋतु की ताजगी और खुशबू लेकर आता है। इस समय प्रकृति में नया जीवन और उत्साह का संचार होता है। इस माह में कई महत्वपूर्ण त्योहार मनाए जाते हैं। आपको बता दें, होली मार्च महीने का सबसे प्रमुख त्योहार है।