शंकर जी का डमरू बाजे
पार्वती का नंदन नाचे ॥
बर्फीले कैलाशिखर पर,
जय गणेश की धूम
ओ जय हो...
शंकर जी का डमरू बाजे
पार्वती का नंदन नाचे
बर्फीले कैलाशिखर पर,
जय गणेश की धूम
नाचे धिन धिन धिन्तक धिन ॥
नाचे धिन धिन, नाचे धिन धिन,
धिन्तक धिन्तक नाचे
मनमोहक, मनभावन, नटखट
मूषक गण भागे सरपट ॥
विघ्न विनायक, संकट मोचन
वक्रतुंड कजरारे लोचन ॥
झूमे गए बल गणेश
भक्तजनो की कटे कलेश॥
नाचे धिन धिन धिन्तक धिन॥
नाचे धिन धिन, नाचे धिन धिन,
धिन्तक धिन्तक नाचे
सुनकर इतना ज्यादा शोर,
पार्वती आई उस और
डरकर माता उमा के आगे,
दुम दबाकर मूषक भागे
पर अपनी धुन में मस्त गजानन
थिरक रहे है भूलके तन मैं
गणपति बाप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया
वर दे, वीणावादिनि वर दे ।
प्रिय स्वतंत्र रव, अमृत मंत्र नव
सनातन धर्म में विनायक चतुर्थी का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है।
विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश और शिव परिवार की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि गणपति बप्पा की पूजा करने से सभी तरह के विघ्न दूर होते हैं। इसलिए भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है।
इस बार नए साल के पहले हफ्ते में कई व्रत-त्योहार पड़ने वाले हैं। इस बार नए साल की शुरुआत बुधवार के दिन हो रही है। ऐसे में भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करना अधिक शुभ रहेगा।