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शरण में आये हैं हम तुम्हारी (Sharan Mein Aaye Hain Hum Tumhari)

शरण में आये हैं हम तुम्हारी (Sharan Mein Aaye Hain Hum Tumhari)

शरण में आये हैं हम तुम्हारी,

दया करो हे दयालु भगवन ।

सम्हालो बिगड़ी दशा हमारी,

दया करो हे दयालु भगवन ।


न हम में बल है,

न हम में शक्ति ।

न हम में साधन,

न हम में भक्ति ।

तुम्हारे दर के हैं हम भिखारी,

दया करो हे दयालु भगवन ।

शरण में आये हैं हम तुम्हारी,

दया करो हे दयालु भगवन ।


प्रदान कर दो महान शक्ति,

भरो हमारे में ज्ञान भक्ति ।

तभी कहाओगे ताप हारी,

दया करो हे दयालु भगवन ।

शरण में आये हैं हम तुम्हारी,

दया करो हे दयालु भगवन ।


जो तुम पिता हो, तो हम हैं बालक ।

जो तुम हो स्वामी, तो हम हैं सेवक ।

जो तुम हो ठाकुर, तो हम पुजारी ।

दया करो हे दयालु भगवन ।

शरण में आये हैं हम तुम्हारी,

दया करो हे दयालु भगवन ।


भले जो हैं हम, तो हैं तुम्हारे ।

बुरे जो हैं हम, तो हैं तुम्हारे ।

तुम्हारे हो कर भी हम दुखारी ।

दया करो हे दयालु भगवन ।

शरण में आये हैं हम तुम्हारी,

दया करो हे दयालु भगवन ।


शरण में आये हैं हम तुम्हारी,

दया करो हे दयालु भगवन ।

सम्हालो बिगड़ी दशा हमारी,

दया करो हे दयालु भगवन ।

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स्कन्द षष्ठी व्रत नियम

हर माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक ग्रंथों में षष्ठी तिथि को महत्वपूर्ण माना गया है, क्योंकि यह तिथि शिव-पार्वती जी के ज्येष्ठ पुत्र भगवान कार्तिकेय को समर्पित है।

तुलसी की पूजा विधि

हिंदू धर्म में तुलसी को बेहद पुजनीय माना जाता है। तुलसी को विष्णुप्रिया और हरिप्रिया भी कहा जाता है। इतना ही नहीं, तुलसी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है।

धन्वंतरि की पूजा कैसे करें?

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तुम्हे वंदना तुम्हें वंदना (Tumhe Vandana Tumhe Vandana)

तुम्हे वंदना तुम्हें वंदना,
हे बुद्धि के दाता,

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