शरण में हम तुम्हारे आ पड़े है,
ओ भोले तेरे द्वारे आ पड़े है,
शरण में हम तुम्हारे आ पड़े हैं,
ओ बाबा तेरे द्वारे आ पड़े है ॥
भगत के दिल को यूँ ना तोड़ देना
निराशा कर प्रभु ना छोड़ देना,
बहुत ही गम के मारे आ पड़े है,
शरण में हम तुम्हारे आ पड़े हैं,
ओ बाबा तेरे द्वारे आ पड़े है ॥
हमें भी अपनी सेवा में लगा लो,
चरण का अपने सेवक तुम बना लो,
जगत से बेसहारे आ पड़े है,
शरण में हम तुम्हारे आ पड़े हैं,
ओ बाबा तेरे द्वारे आ पड़े है ॥
फसी है नाव ‘शर्मा’ की निकालो,
सहारा देके ‘लक्खा’ को बचा लो,
लो झोली को पसारे आ पड़े है,
शरण में हम तुम्हारे आ पड़े हैं,
ओ बाबा तेरे द्वारे आ पड़े है ॥
शरण में हम तुम्हारे आ पड़े है,
ओ भोले तेरे द्वारे आ पड़े है,
शरण में हम तुम्हारे आ पड़े हैं,
ओ बाबा तेरे द्वारे आ पड़े है ॥
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पितृपक्ष की शुरूआत 18 सितंबर से हो चुकी है, यो पर्व 2 अक्टूबर तक जारी रहेंगे। इस दौरान लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण आदि करते हैं। घर-परिवार में जिन लोगों की मृत्यू हो जाती है, वो पितृ बन जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इंसान की मृत्यू के बाद भी उसकी राह आसान नहीं होती है।