Logo

शिव जी का नाम सुबह शाम, भक्तो रटते रहना (Shiv Ji Ka Naam Subah Shaam Bhakto Ratte Rahana)

शिव जी का नाम सुबह शाम, भक्तो रटते रहना (Shiv Ji Ka Naam Subah Shaam Bhakto Ratte Rahana)

शिव जी का नाम सुबह शाम,

भक्तो रटते रहना,

शिव परमेश्वर शिव रामेश्वर,

शिव नागेश्वर ओम्कारेश्वर,

महाकालेश्वर सबके ईश्वर,

शिव जी का नाम सूबह शाम,

भक्तो रटते रहना ॥


शिव शम्भु भोले शंकर की,

महिमा जिसने जानी,

उस घर में दुःख कभी नहीं आते,

होती कभी नहीं हानि,

शिव है दाता भाग्य विधाता,

मुक्ति पाए जो दर आता,

इक लोटा जल इनपे चढ़ाता,

शिव जी का नाम सूबह शाम,

भक्तो रटते रहना ॥


भव सागर में डूबती नैया,

शिव ही पार लगाते,

ऐसे है भोले भंडारी,

घर घर धन बरसाते,

सब के प्यारे नाथ हमारे,

पालनहारे सबके सहारे,

गूंज रहे शिव के जयकारे,

शिव जी का नाम सूबह शाम,

भक्तो रटते रहना ॥


इक लोटा जल से खुश होते,

झोली भर देते है,

भांग धतुरा जो भी चढ़ाए,

दुःख सब हर लेते है,

ब्रम्हा को वेद दिए,

रावण को लंका,

तीनो लोको में शिव का डंका,

शिव जी का नाम सूबह शाम,

भक्तो रटते रहना ॥


दुनिया वालों शिव को मना लो,

सोए भाग्य जगा लो,

समय बड़ा अनमोल है भक्तो,

व्यर्थ ना इसको टालो,

करुणाकर शिव डमरूधर शिव,

कर लो नमन तुम शीश झुकाकर,

शिव जी का नाम सूबह शाम,

भक्तो रटते रहना ॥


शिव जी का नाम सुबह शाम,

भक्तो रटते रहना,

शिव परमेश्वर शिव रामेश्वर,

शिव नागेश्वर ओम्कारेश्वर,

महाकालेश्वर सबके ईश्वर,

शिव जी का नाम सूबह शाम,

भक्तो रटते रहना ॥

........................................................................................................
वराह जयंती (Varaha Jayanti)

जब हिरण्याक्ष का वध करने ब्रह्मदेव की नाक से निकले भगवान वराह, जानिए क्यों मनाई जाती है वराह जयंती

वराह जयंती पर जानिए देश के प्रसिद्ध वराह मंदिरों के बारे में

तिरुमाला में नारियल पानी से होता है भगवान वराह का अभिषेक, वराह जयंती पर जानिए देश के प्रसिद्ध वराह मंदिरों के बारे में….

ऋषि पंचमी पर जानें क्या है पुजा का शुभ मुहुर्त और इस दिन का महत्व

भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाने वाला ऋषि पंचमी पर्व हमारे जीवन में पवित्रता और ज्ञान का संगम है।

ऋषि पंचमी का व्रत रखने से महिलाओं को मिलती है रजस्वला दोष से मुक्ति, पहली बार व्रत रखने पर ध्यान रखें ये नियम

हिंदू धर्म में व्रत रखना एक महत्वपूर्ण परंपरा है। ये हमें अपने जीवन को सुधारने और आध्यात्म से जुड़ने के लिए प्रेरित करती है साथ ही हमारे शरीर का संतुलन भी बना रहता है।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeBook PoojaBook PoojaTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang