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शिव का नाम लो (Shiv Ka Naam Lo)

शिव का नाम लो (Shiv Ka Naam Lo)

शिव का नाम लो ।

हर संकट में ॐ नमो शिवाय,

बस यह नाम जपो ॥

जय शम्बू कहो ।

जब कोई मुश्किल आन पड़े तो,

भोले नाथ रटो ॥

शिव का नाम लो ।


शिव ही पालन हारा है ।

सब का वो रखवाला है ।

हर हर गंगे, बम बम भोले ॥


शिव के चरणों में है चारों धाम ।

देवों में भी शिव जी हैं प्रधान ॥

सब का बस वोही एक स्वामी ।

दान जिसका है धरम, ऐसा दानी है ।

जग का है वो पिता, इतना जान लो ॥


शिव का नाम लो ।

हर संकट में ॐ नमो शिवाय,

बस यह नाम जपो ॥

जय शम्बू कहो ।

जब कोई मुश्किल आन पड़े तो,

भोले नाथ रटो ॥

शिव का नाम लो ।


जय शिव शंकर,

भवानी शंकर,

जय नटराजन ।

जय शिव शंकर,

भवानी शंकर,

जय नटराजन ॥


शिव की महिमा सब से है महान ।

प्रेम दया का दूजा है, यह नाम ॥

विष अमृत मान कर, पी लिया जिसने ।

हर प्राणी का कल्याण, किया जिसने ।

द्वारे पे शिव खड़े, तुम पहचान लो ॥


शिव का नाम लो ।

हर संकट में ॐ नमो शिवाय,

बस यह नाम जपो ॥

जय शम्बू कहो ।

जब कोई मुश्किल आन पड़े तो,

भोले नाथ रटो ॥

शिव का नाम लो ।

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पौष माह में करें ये उपाय

हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह साल का दसवां महीना होता है जो मार्गशीर्ष पूर्णिमा के बाद शुरू होता है। वैदिक पंचाग के अनुसार, इस साल पौष माह की शुरुआत 16 दिसंबर से हो चुकी है।

कब है रुक्मिणी अष्टमी?

हिंदू धर्म में पौष मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व भगवान श्री कृष्ण की पत्नी देवी रुक्मिणी को समर्पित है, जिन्हें माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, रुक्मिणी अष्टमी पर ही द्वापर युग में विदर्भ के महाराज भीष्मक के यहां देवी रुक्मिणी जन्मी थीं।

पौष माह में क्या करें और क्या नहीं

हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह साल का 10 वां, महीना होता है जो मार्गशीर्ष पूर्णिमा के बाद शुरू होता है। वैदिक पंचाग के अनुसार इस साल पौष माह 16 दिसंबर से प्रारंभ हो चुकी है।

पौष मास की महिमा एवं महत्व

हिंदू पंचांग में दसवें माह को पौष कहते हैं। इस बार पौष मास की शुरुआत 16 दिसंबर से हो गई है जो 13 जनवरी तक रहेगी। इस मास में हेमंत ऋतु का प्रभाव रहता है।

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