शिव मात पिता, शिव बंधू सखा (Shiv Maat Pita Shiv Bandhu Sakha)

शिव मात पिता,

शिव बंधू सखा,

शिव चरणों में,

कोटि कोटि प्रणाम,

शिव चरणों में,

कोटि कोटि प्रणाम ॥


जिनका तो ना आदि,

ना अंत पता,

भक्तो पे दया,

जो करते सदा,

शिव मात पितां,

शिव बंधू सखा,

शिव चरणों में,

कोटि कोटि प्रणाम ॥


वृषगामी जो,

बाघाम्बर है धरे,

अनादि अनंत से,

जो है परे,

शिव मात पितां,

शिव बंधू सखा,

शिव चरणों में,

कोटि कोटि प्रणाम ॥


अमृत को नहीं,

विष पान किया,

अभयदान है,

भक्त जनों को दिया,

शिव मात पितां,

शिव बंधू सखा,

शिव चरणों में,

कोटि कोटि प्रणाम ॥


गौरा नंदन,

श्री गणेश कहे,

जलधारा जिनके,

शीश बहे,

शिव मात पितां,

शिव बंधू सखा,

शिव चरणों में,

कोटि कोटि प्रणाम ॥


शिव मात पिता,

शिव बंधू सखा,

शिव चरणों में,

कोटि कोटि प्रणाम,

शिव चरणों में,

कोटि कोटि प्रणाम ॥


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करूँ वंदन हे शिव नंदन (Karu Vandan Hey Shiv Nandan )

करूँ वंदन हे शिव नंदन,
तेरे चरणों की धूल है चन्दन,

ओ माँ पहाड़ावालिये, सुन ले मेरा तराना (O Maa Pahadan Waliye Sun Le Mera Tarana)

ओ माँ पहाड़ावालिये,
सुन ले मेरा तराना ॥

पौष माह में करें ये उपाय

हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह साल का दसवां महीना होता है जो मार्गशीर्ष पूर्णिमा के बाद शुरू होता है। वैदिक पंचाग के अनुसार, इस साल पौष माह की शुरुआत 16 दिसंबर से हो चुकी है।

मासिक शिवरात्रि: भगवान शिव नमस्काराथा मंत्र

हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत का विशेष महत्व है। नवंबर माह की शिवरात्रि मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष में पड़ती है, और यह दिन भोलेनाथ को प्रसन्न करने का उत्तम अवसर है।

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