शिव शंकर तुम कैलाशपति,
है शीश पे गंग विराज रही,
शिव शंकर तुम कैलाश-पति,
है शीश पे गंग विराज रही ॥
माथे पर चंद्र का मुकुट सजा,
और गल सर्पो की माला है,
माँ पारवती भगवती गौरा,
तेरे वाम अंग में साज रही,
शिव शंकर तुम कैलाश-पति,
है शीश पे गंग विराज रही ॥
शिव शंकर तुम कैलाश-पति,
है शीश पे गंग विराज रही ॥
ब्रम्हा को वेद दिए तुमने,
रावण को लंका दे डाली,
औघड़दानी शिव भोले की,
श्रष्टि जयकार बुलाय रही,
शिव शंकर तुम कैलाश-पति,
है शीश पे गंग विराज रही ॥
शिव शंकर तुम कैलाश-पति,
है शीश पे गंग विराज रही ॥
सोना चांदी हिरे मोती,
तुमको कुछ भी ना सुहाता है,
शिव लिंग पे जा सारी दुनिया,
एक लोटा जल तो चढ़ाय रही,
शिव शंकर तुम कैलाश-पति,
है शीश पे गंग विराज रही ॥
शिव शंकर तुम कैलाश-पति,
है शीश पे गंग विराज रही ॥
जीवन की एक तमन्ना है,
जीवन में एक ही आशा है,
तेरे चरणों में बीते जीवन,
यही आशा मन में समाय रही,
शिव शंकर तुम कैलाश-पति,
है शीश पे गंग विराज रही ॥
शिव शंकर तुम कैलाशपति,
है शीश पे गंग विराज रही,
शिव शंकर तुम कैलाश-पति,
है शीश पे गंग विराज रही ॥
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है। वहीं आज शनिवार का दिन है। इस तिथि पर पूर्वभाद्रपदा नक्षत्र और साध्य योग के साथ सिद्ध योग का संयोग बन रहा है।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। वहीं आज रविवार का दिन है। इस तिथि पर उत्तरभाद्रपदा नक्षत्र और शुभ के साथ-साथ शुक्ल योग का संयोग बन रहा है।
Aaj Ka Panchang 03 march 2025: पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। वहीं आज सोमवार का दिन है। इस तिथि पर अश्विनी नक्षत्र और शुक्ल के साथ-साथ ब्रह्म योग का संयोग बन रहा है। वहीं आज चंद्रमा मेष राशि में संचार कर रहे हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि है। वहीं आज मंगलवार का दिन है। इस तिथि पर भरणी नक्षत्र और इंद्र योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा मेष राशि में संचार कर रहे हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।