बाहुबली से शिव तांडव स्तोत्रम, कौन-है वो (Shiv Tandav Stotram And Kon Hai Woh From Bahubali)

जटा कटा हसं भ्रमभ्रमन्नि लिम्प निर्झरी,

विलोलवी चिवल्लरी विराजमान मूर्धनि।

धगद्धगद्धग ज्ज्वल ल्ललाट पट्ट पावके,

किशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम॥


कौन-है वो, कौन-है वो, कहाँ से वो आया

चारों दिशायों में, तेज़ सा वो छाया

उसकी भुजाएँ बदलें कथाएँ,

भागीरथी तेरे तरफ शिवजी चलें

देख ज़रा ये विचित्र माया


धरा धरेन्द्र नंदिनी विलास बन्धु बन्धुर,

स्फुर द्दिगन्त सन्तति प्रमोद मान मानसे।

कृपा कटाक्ष धोरणी निरुद्ध दुर्धरापदि,

क्वचि द्दिगम्बरे मनो विनोदमेतु वस्तुनि॥


जटा भुजङ्ग पिङ्गल स्फुरत्फणा मणिप्रभा,

कदम्ब कुङ्कुम द्रवप्रलिप्त दिग्व धूमुखे।

मदान्ध सिन्धुर स्फुरत्त्व गुत्तरी यमे दुरे,

मनो विनोद मद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि॥

........................................................................................................
मेरे राघव जी उतरेंगे पार, गंगा मैया धीरे बहो(Mere Raghav Ji Utrenge Paar, Ganga Maiya Dheere Baho)

मेरे राघव जी उतरेंगे पार,
गंगा मैया धीरे बहो,

ललिता जयंती पर होती है राधा रानी की सबसे प्रिय सखी की पूजा, जानिए क्या है पौराणिक महत्व

हिंदू धर्म में भगवान श्री कृष्ण और राधा को प्रेम का प्रतीक माना गया है।

चले है भोला, सज धज के - भजन (Chale Hai Bhola Saj Dhaj Ke)

भोला तन पे भस्म लगाये,
मन में गौरा को बसाये,

मार्गशीर्ष कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि और भोग

वैदिक पंचाग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह में कृष्ण जन्माष्टमी आज यानी 22 नवंबर 2024 को मनाई जा रही है। मासिक कृष्ण जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त करने और जीवन के दुखों को दूर करने का श्रेष्ठ अवसर है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।