शिव जी की महिमा अपरम्पार है (Shivji Ki Mahima Aprampaar Hai)

शिव जी की महिमा अपरम्पार है,

आया शिवरात्रि का त्यौहार है,

चरणों में नतमस्तक संसार है,

आया शिवरात्रि का त्यौंहार है ॥


जिनके उर में सर्पो की माला है,

भस्म रमाए बैठा डमरू वाला है,

जिनके उर में सर्पो की माला है,

भस्म रमाए बैठा डमरू वाला है,

सिर पर जिनके गंगा की धार है,

दुनिया उनकी करती जय जयकार है,

शिव जी की महिमा अपरम्पार है,

आया शिवरात्रि का त्यौंहार है ॥


भांग धतूरा बेल पत्र ले आए है,

गंगा जल में अक्षत फूल सजाए है,

भांग धतूरा बेल पत्र ले आए है,

गंगा जल में अक्षत फूल सजाए है,

होंठों पे भरे बस ओमकार है,

शिवजी के मंत्रो का गुंजार है,

शिव जी की महिमा अपरम्पार है,

आया शिवरात्रि का त्यौंहार है ॥


ईच्छा जन जन की ये पूरी करते है,

झोली हरदम भक्तों की ये भरते है,

ईच्छा जन जन की ये पूरी करते है,

झोली हरदम भक्तों की ये भरते है,

दर्शन करने से ही उद्धार है,

गजब इनका शृंगार है,

शिव जी की महिमा अपरम्पार है,

आया शिवरात्रि का त्यौंहार है ॥


शिव जी की महिमा अपरम्पार है,

आया शिवरात्रि का त्यौहार है,

चरणों में नतमस्तक संसार है,

आया शिवरात्रि का त्यौंहार है ॥

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काली सहस्त्रनाम (Kali Sahastranam)

श्मशान-कालिका काली भद्रकाली कपालिनी ।

मैया के पावन चरणों में (Maiya Ke Pawan Charno Mein)

मैया के पावन चरणों में,
तू सर झुका के देख ले,

मासिक शिवरात्रि शिव तांडव स्तोत्र

वैदिक ज्योतिष में मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत को भगवान शिव की कृपा पाने का विशेष अवसर माना गया है। इस दिन भक्त अपने-अपने तरीके से भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करते हैं और शिवजी को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी रखते हैं।

अब दया करो हे भोलेनाथ (Ab Daya Karo He Bholenath)

अब दया करो हे भोलेनाथ,
मस्त रहूं तेरी मस्ती में,

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