आत्मा ने परमात्मा को लिया
देख ध्यान की दृष्टि से ।
प्रकाश हुआ हृदय-हृदय,
बेड़ा पार हुआ इस सृष्टि से ।
है एक ओंकार निरंजन निरंकार,
है अजर अमर आकर
विश्वधार मन भजे ।
शिवोहम शिवोहम शिवोहम..
शिवोहम शिवोहम शिवोहम..
भूख में तपसी तप रहा,
भोजन बीच पठाय ।
विलप में साधु हंस रहा,
अपना ही उपजा खाय ।
शेष अशेष विशेष में
समर्पण के भाव में ।
शिवोहम शिवोहम शिवोहम..
शिवोहम शिवोहम शिवोहम..
ठहर शांत एकांत में,
साधके मूलाधार ।
सर्जन स्वाधिष्ठान से,
सूर्य मणि चमकार ।
विशुद्धि आज्ञा सहसरार
तक गूंजे अनाहत ।
शिवोहम शिवोहम शिवोहम..
शिवोहम शिवोहम शिवोहम..
खाली को तो भर दिया,
भरे में भरा न जाए ।
पानी में प्यासा रहा,
तट पे बैठ लखाय ।
प्रष्न व्यस्न में उलझ-उलझ
हां बिरथा गया जन्म ।
शिवोहम शिवोहम शिवोहम..
शिवोहम शिवोहम शिवोहम..
शिवोहम शिवोहम शिवोहम..
शिवोहम शिवोहम शिवोहम..
पूर्णिमा तिथि महीने में 1 बार आती है। इस तरह पूरे साल में कुल 12 पूर्णिमा तिथि होती है। इन्हीं पूर्णिमा तिथ्यों में से एक है पौष माह की पूर्णिमा। वैसे तो हर महीने की पूर्णिमा तिथि शुभ होती है, लेकिन इस साल पौष पूर्णिमा खास होने जा रही है।
मकर संक्रांति हिन्दुओं का प्रमुख पर्व होता है। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं। तब ये पर्व मनाया जाता है। इस साल मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा।
मकर संक्रांति के साथ ही खरमास का समापन होता है। जो इसे और भी शुभ बनाता है। इस दिन मांगलिक कार्य, निवेश और खरीदारी के लिए समय अनुकूल है।
हिंदू धर्म में, सूर्यदेव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। सूर्य देव 14 जनवरी को राशि परिवर्तन करेंगे। इस शुभ अवसर पर मकर संक्रांति पूरे देश में धूम-धाम से मनाई जाएगी।