श्री राम तेरी महिमा से,
काम हो गया है,
मंदिर बनेगा रास्ता,
आसान हो गया,
श्री राम तेरी महिमा से,
काम हो गया है ॥
संतो की सच्ची मेहनत,
सुनली मेरे प्रभु ने,
संतो की सच्ची मेहनत,
सुनली मेरे प्रभु ने,
इस न्याय से न्यायालय,
का नाम हो गया है,
श्री राम तेरी महीमा से,
काम हो गया है ॥
झुकता है सर झुकेगा,
ये धर्म है सनातन,
झुकता है सर झुकेगा,
ये धर्म है सनातन,
श्री राम जन्म भूमि वो,
स्थान हो गया है,
श्री राम तेरी महीमा से,
काम हो गया है ॥
नर रूप में पवनसुत,
खम्बे लगाएंगे अब,
यहाँ वास्तुशास्त्र का भी,
विधान हो गया है,
श्री राम तेरी महीमा से,
काम हो गया है ॥
ना बना है ना बनेगा,
इतनी विशाल कीरति,
ना बना है ना बनेगा,
इतनी विशाल कीरति,
पूरा जो शिव पूरी का,
अरमान हो गया है,
श्री राम तेरी महीमा से,
काम हो गया है ॥
श्री राम तेरी महिमा से,
काम हो गया है,
मंदिर बनेगा रास्ता,
आसान हो गया,
श्री राम तेरी महीमा से,
काम हो गया है ॥
हिंदू धर्म में भगवान राम और माता सीता की पूजा बहुत शुभ और कल्याणकारी मानी गई है। देवी सीता को जानकी के नाम से भी जाना जाता है, वे जगत जननी मां लक्ष्मी का स्वरूप हैं।
जानकी जी के विभिन्न नामों में सीता, मैथिली और सिया प्रमुख हैं। जानकी जयंती के अवसर पर रामचरित मानस की चौपाइयों का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है। यहां कुछ चौपाइयां दी गई हैं जो राम भक्ति से परिपूर्ण हैं।
विजया एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को विजया एकादशी कहा जाता है। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत महत्व है।
हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु के निमित्त व्रत किया जाता है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं, जिसका हिंदू धर्म में विशेष महत्व है।