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शुरू हो रही है राम कहानी - भजन (Shuru Ho Rahi Hai Ram Kahani)

शुरू हो रही है राम कहानी - भजन (Shuru Ho Rahi Hai Ram Kahani)

शुरू हो रही है राम कहानी,

शुरू हो रही हैं राम कहानी,

महिमा पुरानी वेद बखानी,

तुलसी की वाणी,

शुरू हो रही हैं राम कहानी ॥


जग कर्ता-धर्ता भरता है,

माता पिता बंधु दाता है,

प्रेम से याज्ञवल्क्य जी गाये,

जीवन धन मानी,

शुरू हो रही हैं राम कहानी ॥


कथा श्रवण से सुख मिलता है,

जन्म मरण भव दुख मिटता है,

कागभुसुंडि जी नित गाये,

सब गुण खानी,

शुरू हो रही हैं राम कहानी ॥


अधर्म राज का अंत हुआ है,

जीवन धर्म जीवंत हुआ है,

अवध में राजा राम सुहाए,

सीता महारानी,

शुरू हो रही हैं राम कहानी ॥


दुनिया का अनमोल रतन है,

कृष्णानंद का जीवन धन है,

पार्वती को शिव जी सुनाएं,

परा भक्ति दानी,

शुरू हो रही हैं राम कहानी ॥


शुरू हो रही है राम कहानी,

शुरू हो रही हैं राम कहानी,

महिमा पुरानी वेद बखानी,

तुलसी की वाणी,

शुरू हो रही हैं राम कहानी ॥

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परशुराम द्वादशी तिथि और मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, परशुराम द्वादशी वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार, भगवान परशुराम को समर्पित हैI

परशुराम द्वादशी की कथा

परशुराम द्वादशी वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार, भगवान परशुराम की पूजा को समर्पित है। परशुराम द्वादशी विशेष रूप से संतान प्राप्ति के लिए मनाया जाता है।

संतान प्राप्ति के लिए करें परशुराम द्वादशी व्रत

परशुराम द्वादशी का पर्व भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी को समर्पित है, जो वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह व्रत विशेष रूप से संतान के प्राप्ति की कामना रखने वाले लोगों के लिए फलदायी होता हैं।

मई माह में कब पड़ेगा पहला शुक्र प्रदोष व्रत

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है, जो भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। यह व्रत सभी पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है।

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