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श्याम संग प्रीत - भजन (Shyama Sang Preet)

श्याम संग प्रीत - भजन (Shyama Sang Preet)

दूर से आया बाबा धाम तेरे खाटू

दूर से आया बाबा धाम तेरे खाटू


दर्द ना कहूं मैं किसी से

बस तो से बाटूं

दर्द ना कहूं मैं किसी से

बस तो से बाटूं


मुझको सताए जो आ के अभी दर्द

बस नाम है तेरा लेना

गम मेरे हर के तू ओ मेरे बाबा

बस खुशियां मुझको तू देना


तेरा ही नाम लेके मैं बाबा

रोज चलता रहता हूं


श्यामा प्रीत मैं तो से लगा बैठा हूं

श्यामा प्रीत मैं तो से लगा बैठा हूं

बाबा प्रीत मैं तो से लगा बैठा हूं


शीश जो मांगा हरि ने एक बार में दे डाला

कलयुग में रूप हरि का लेके संसार को पाला

शीश जो मांगा हरि ने एक बार में दे डाला

कलयुग में रूप हरि का लेके संसार को पाला


हारे का तुम ही केवल हो एक सहारा

जिसका ना कोई जगत में श्याम हमारा

तेरी बदौलत हर कष्ट रोज हंसते हुए ही तो सहता हूँ


श्यामा प्रीत मैं तो से लगा बैठा हूं

श्यामा प्रीत मैं तो से लगा बैठा हूं

बाबा प्रीत मैं तो से लगा बैठा हूं


तीन बाण धारी हारे युद्ध के सहाय

शीश से बाबा तुम शिरगुल कहलाए

तीन बाण धारी हारे युद्ध के सहाय

शीश से बाबा तुम शिरगुल कहलाए


माता मोरब के हो राज दुलारे

कृष्ण कन्हैया के भी हो अति प्यारे

एक तुम्हें श्यामा मेरे हो बाकी सबको पराया मैं कहता हूं


श्यामा प्रीत मैं तो से लगा बैठा हूं

श्यामा प्रीत मैं तो से लगा बैठा हूं

बाबा प्रीत मैं तो से लगा बैठा हूं

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गंगा सप्तमी पर 3 शुभ संयोग

हिंदू पंचांग के अनुसार, गंगा सप्तमी का पर्व वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं।

भानु सप्तमी 2025 तिथि-मुहूर्त

भानु सप्तमी एक महत्वपूर्ण दिन है, जो सूर्य देव को समर्पित है। इस दिन सूर्य देव की पूजा का विशेष विधान शास्त्रों में वर्णित है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सप्तमी तिथि पर सूर्य देव अवतरित हुए थे। इसलिए इस तिथि पर सूर्य देव की पूजा और व्रत करने का विधान है।

भानु सप्तमी के उपाय

भानु सप्तमी इस साल 4 मई, रविवार को है और इस दिन सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व है। सप्तमी तिथि को बड़ा ही शुभ माना जाता है, खासकर जब यह रविवार के दिन पड़ती है। इस दिन मध्याहन के समय सूर्य देव की पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।

भानु सप्तमी कथा

भानु सप्तमी एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है, जो सूर्य देव की पूजा के लिए समर्पित है। इस दिन सूर्य देव की आराधना करने से व्यक्ति को अपने जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भानु सप्तमी का व्रत करने से न केवल भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है, बल्कि यह आत्मिक शांति और मोक्ष का मार्ग भी प्रशस्त करता है।

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