सुन मेरी मात मेरी बात,
छानी कोणी तेरे से,
आँखड़ली चुराके मैया,
जासी कठे मेरे से ॥
झुँझन वाली मैया तेरी,
शरण में आ गयो,
दादी थारो रूप म्हारे,
नैणां में समां गयो,
मत बिसरावे मैया,
हार मानी तेरे से,
आँखड़ली चुराके मैया,
जासी कठे मेरे से ॥
बालक हूँ मैं दादी थारो,
मुझसे निभाय ले,
दुखड़े को मारयो हूँ,
मन्ने कालजे लगायले,
पथ दिखलादे मैया,
काढ़ ले अँधेरे से,
आँखड़ली चुराके मैया,
जासी कठे मेरे से ॥
सिर पर सोहे चुनड़ी,
कानो में कुण्डल भारी है,
हाथां मेहंदी लाल थारी,
सिंह की सवारी है,
खाली हाथ बोल कईया,
जाऊ तेरे डेरे से,
आँखड़ली चुराके मैया,
जासी कठे मेरे से ॥
सुन मेरी मात मेरी बात,
छानी कोणी तेरे से,
आँखड़ली चुराके मैया,
जासी कठे मेरे से ॥
उपनयन संस्कार, जिसे जनेऊ संस्कार भी कहा जाता है, हिंदू धर्म के सोलह संस्कारों में से एक अत्यंत पवित्र और आवश्यक संस्कार है। यह संस्कार बालक के जीवन में धार्मिक और आध्यात्मिक ज्ञान की शुरुआत का प्रतीक होता है।
हिंदू धर्म में सोलह संस्कारों को जीवन के हर महत्वपूर्ण पड़ाव की आध्यात्मिक नींव माना गया है। इनमें से एक है अन्नप्राशन संस्कार, जो शिशु को पहली बार अन्न (ठोस भोजन) देने का विशेष अवसर होता है।
आज 1 जून 2025 है और दिन रविवार। अगर आप ये जानना चाहते हैं कि आज का दिन आपके लिए कैसा रहेगा, तो अंक ज्योतिष आपके लिए कुछ संकेत लेकर आया है।
अंक ज्योतिष (Numerology) के अनुसार हर तारीख और दिन का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। 2 जून 2025 को सोमवार है, और अंक 2 का प्रभाव पूरे दिन पर रहेगा। अंक 2 चंद्रमा का प्रतिनिधित्व करता है, जो भावनाओं, कल्पनाओं और रिश्तों से जुड़ा होता है।