सुन मेरी मात मेरी बात (Sun Meri Maat Meri Baat)

सुन मेरी मात मेरी बात,

छानी कोणी तेरे से,

आँखड़ली चुराके मैया,

जासी कठे मेरे से ॥


झुँझन वाली मैया तेरी,

शरण में आ गयो,

दादी थारो रूप म्हारे,

नैणां में समां गयो,

मत बिसरावे मैया,

हार मानी तेरे से,

आँखड़ली चुराके मैया,

जासी कठे मेरे से ॥


बालक हूँ मैं दादी थारो,

मुझसे निभाय ले,

दुखड़े को मारयो हूँ,

मन्ने कालजे लगायले,

पथ दिखलादे मैया,

काढ़ ले अँधेरे से,

आँखड़ली चुराके मैया,

जासी कठे मेरे से ॥


सिर पर सोहे चुनड़ी,

कानो में कुण्डल भारी है,

हाथां मेहंदी लाल थारी,

सिंह की सवारी है,

खाली हाथ बोल कईया,

जाऊ तेरे डेरे से,

आँखड़ली चुराके मैया,

जासी कठे मेरे से ॥


सुन मेरी मात मेरी बात,

छानी कोणी तेरे से,

आँखड़ली चुराके मैया,

जासी कठे मेरे से ॥


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राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा (Radha Dundh Rahi Kisine Mera Shyam Dekha)

राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा,
श्याम देखा, घनश्याम देखा,

मन तड़पत हरि दर्शन को आज(Mann Tarpat Hari Darshan Ko Aaj)

मन तड़पत हरि दर्शन को आज
मोरे तुम बिन बिगड़े सकल काज

जैसे तुम सीता के राम (Jaise Tum Sita Ke Ram)

जैसे तुम सीता के राम
जैसे लक्ष्मण के सम्मान

राम को देखकर श्री जनक नंदिनी (Ram Ko Dekh Kar Shri Janak Nandini)

राम को देखकर श्री जनक-नंदिनी, बाग़ में जा खड़ी की खड़ी रह गयीं

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