निगुरे नहीं रहना
सुन लो चतुर सुजान निगुरे नहीं रहना...
निगुरे का नहीं कहीं ठिकाना चौरासी में आना जाना।
पड़े नरक की खान निगुरे नहीं रहना..
गुरु बिन माला क्या सटकावे मनवा चहुँ दिश फिरता जावे।
यम का बने मेहमान निगुरे नहीं रहना..
सुन लो..
हीरा जैसी सुंदर काया हरि भजन बिन जनम गँवाया।
कैसे हो कल्याण निगुरे नहीं रहना..
सुन लो..
निगुरा होता हिय का अंधा खूब करे संसार का धंधा।
क्यों करता अभिमान निगुरे नहीं रहना.
सुन लो..
मरने के बाद क्या होता है, आत्मा कैसे शरीर छोड़ती है और कैसे दूसरा शरीर धारण करती है। ये कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब हर कोई जानना चाहता है।
शरद पूर्णिमा के समापन के बाद कार्तिक मास की शुरुआत हो जाती है। हिंदू धर्म में कार्तिक मास को विशेष महत्व प्राप्त है। इस महीने जगत के पालनहार भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने का विधान है।
सनातन धर्म में श्री ब्रह्मा, श्री विष्णु और श्री महेश तीनों को सभी देवी देवताओं में श्रेष्ठ माना गया है। इनसे जुड़ी कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं।
सनातन धर्म में तुलसी के पौधे को अत्यंत शुभ और पूजनीय माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु को तुलसी बहुत प्रिय है।