सुनो भवानी अरज हमारी,
दया करो माँ कृपा करो माँ,
शरण में बैठे है माँ तुम्हारी,
दया करो माँ कृपा करो माँ ॥
ये अपना जीवन तेरी अमानत,
तू ही है जननी तू ही है पालक,
तेरे चरण के है हम पुजारी,
दया करो माँ कृपा करो माँ,
सुनों भवानी अरज हमारी,
दया करो माँ कृपा करो माँ ॥
कहे तुम्हे सब दया का सागर,
लुटा दो ममता गले लगाकर,
भुला दो सारी खता हमारी,
दया करो माँ कृपा करो माँ,
सुनों भवानी अरज हमारी,
दया करो माँ कृपा करो माँ ॥
तेरे सिवा हम किसे पुकारे,
ये नैन केवल तुम्हे निहारे,
तुम्ही पे आशा टिकी हमारी,
दया करो माँ कृपा करो माँ,
सुनों भवानी अरज हमारी,
दया करो माँ कृपा करो माँ ॥
जो ‘सोनू’ कर दे तू एक इशारा,
संवर ही जाए जनम हमारा,
मिटा दो बाधा माँ जग की सारी,
दया करो माँ कृपा करो माँ,
सुनों भवानी अरज हमारी,
दया करो माँ कृपा करो माँ ॥
सुनो भवानी अरज हमारी,
दया करो माँ कृपा करो माँ,
शरण में बैठे है माँ तुम्हारी,
दया करो माँ कृपा करो मा ॥
इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी को मनाया जा रहा है। इस दिन कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है, जिससे कुछ राशियों के ऊपर शिव जी की विशेष कृपा हो सकती है।
महाशिवरात्रि भगवान शिव की आराधना का एक महापर्व है। इस दिन को भगवान शिव की कृपा के लिए सबसे खास माना जाता है। महाशिवरात्रि को लेकर कई धार्मिक मान्यताएं और कथाएं जुड़ी हुई हैं।
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन भक्त भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं। मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
फाल्गुन मास में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। फाल्गुन मास में प्रदोष व्रत रखने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।