सूरज की किरण छूने को चरण,
आती है गगन से रोज़ाना,
चँदा भी सितारों के मोती,
देता है नज़र से नज़राना,
सूरज की किरण छुने को चरण,
आती है गगन से रोज़ाना ॥
ये पतित पावनि गंगा जो,
शंकर की जटा में रहती है,
वो ही जटा शंकरी मैया के,
कोमल चरणों में बहती है,
फिर मौज में आकर मौजो का,
लहरों से लिपट कर लहराना,
सूरज की किरण छुने को चरण,
आती है गगन से रोज़ाना ॥
कंचन का बदन कंचन का मुकुट,
कंचन का है चूड़ा बाहो में,
बिजली की चमक है झांझर में,
उषा की लाली है पावों में,
दिन रात का चक्कर चक्र में,
फूलो का खिलना मुसकाना,
सूरज की किरण छुने को चरण,
आती है गगन से रोज़ाना ॥
ममता का सरोवर हृदय में,
और मन में प्यार की गागर है,
मुठ्ठी में है शक्ति और मुक्ति,
नैनो में दया का सागर है,
पलके है गुलाब की पंखुडिया,
वशतर भूषन है शाहाना,
सूरज की किरण छुने को चरण,
आती है गगन से रोज़ाना ॥
सोने और चांदी के जर्रे,
सुन्दर धरती पे दमकते है,
नीलम के नीले चमकीले,
पत्थर पर्वत पे चमकते है,
चले जोश में आकर मस्त पवन,
मौसम है सुहाना मस्ताना,
सूरज की किरण छुने को चरण,
आती है गगन से रोज़ाना ॥
सूरज की किरण छूने को चरण,
आती है गगन से रोज़ाना,
चँदा भी सितारों के मोती,
देता है नज़र से नज़राना,
सूरज की किरण छुने को चरण,
आती है गगन से रोज़ाना ॥
श्री गोवर्धन वासी सांवरे लाल,
तुम बिन रह्यो न जाय हो ॥
तमिल कैलेंडर के मुताबिक, साल 2024 में हनुमान जयंती 30 दिसंबर को मनाई जाएगी। हनुमान जयंती पहले चैत्र माह की पूर्णिमा को फिर कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है।
जय जय जय हनुमान अडंगी ।
महावीर विक्रम बजरंगी ॥
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥