तेरा दरबार हमनें सजाया है माँ(Tera Darbar Humne Sajaya Hai Maa)

तेरा दरबार हमनें सजाया है माँ,

तुमको बुलाया है माँ,

ये बता दो बता दो,

ये बता दो पूजा में कोई,

कमी तो नही कमी तो नही,

तेरा दरबार हमनें सजाया है माँ ॥


भूल हो कोई उसको भुला दीजिये,

अपने चरणों में मुझको जगह दीजिये,

तेरी ज्योति को हमने जलाया है माँ,

सर को झुकाया है माँ,

ये बता दो पूजा में कोई,

कमी तो नही कमी तो नही,

तेरा दरबार हमनें सजाया है माँ ॥


तुमने लाखो की बिगड़ी बनाई है माँ,

मेरी बारी क्यों देर लगाई है माँ,

मन के मंदिर में तुमको बिठाया है माँ,

सर को झुकाया है माँ,

ये बता दो पूजा में कोई,

कमी तो नही कमी तो नही,

तेरा दरबार हमनें सजाया है माँ ॥


जैसे औरो के संकट मिटाए है माँ,

आस मेरी भी पूरी कर दो ओ माँ,

तेरे भजनों को ‘मनीष’ ने गाया है माँ,

‘भावेश’ ने सजाया है माँ,

ये बता दो पूजा में कोई,

कमी तो नही कमी तो नही,

तेरा दरबार हमनें सजाया है माँ ॥


तेरा दरबार हमनें सजाया है माँ,

तुमको बुलाया है माँ,

ये बता दो बता दो,

ये बता दो पूजा में कोई,

कमी तो नही कमी तो नही,

तेरा दरबार हमनें सजाया है माँ ॥

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भजामि शंकराये नमामि शंकराये (Bhajami Shankaraye Namami Shankaraye)

भजामि शंकराये नमामि शंकराये,
त्रिलोचनाये शूलपाणी चंद्र शेखराये,

Main Balak Tu Mata Sherawaliye (मैं बालक तू माता शेरां वालिए)

मैं बालक तू माता शेरां वालिए,
है अटूट यह नाता शेरां वालिए ।
शेरां वालिए माँ, पहाड़ा वालिए माँ,
मेहरा वालिये माँ, ज्योतां वालिये माँ ॥
॥ मैं बालक तू माता शेरां वालिए...॥

जिस पर हो हनुमान की कृपा(Jis Par Ho Hanuman Ki Kripa)

जिस पर हो हनुमान की कृपा,
तकदीर का धनी वो नर है,

चक्रधर भगवान की पूजा कैसे करें?

भगवान चक्रधर 12वीं शताब्दी के एक महान तत्त्वज्ञ, समाज सुधारक और महानुभाव पंथ के संस्थापक थे। महानुभाव धर्मानुयायी उन्हें ईश्वर का अवतार मानते हैं। उनका जन्म बारहवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में, गुजरात के भड़ोच में हुआ था। उनका जन्म नाम हरीपालदेव था।

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