तेरे बिना श्याम,
हमारा नहीं कोई रे,
हमारा नहीं कोई रे,
सहारा नहीं कोई रे,
तेरें बिना श्याम,
हमारा नहीं कोई रे ॥
अमुवा की डाली पे
पिंजरा टंगाया,
उड गया सूवा,
पढ़ाया नहीं कोई रे,
तेरें बिना श्याम,
हमारा नहीं कोई रे ॥
गहरी गहरी नदियाँ,
नाव पुरानी,
डूबण लागी नाव,
बचाया नहीं कोई रे,
तेरें बिना श्याम,
हमारा नहीं कोई रे ॥
भाई और बंधू,
कुटुम्ब कबीलो,
बिगड़ी जो बात,
बनाया नहीं कोई रे,
तेरें बिना श्याम,
हमारा नहीं कोई रे ॥
कहत कबीर,
सुनो भाई साधो,
गुरु बिन ज्ञान,
सिखाया नहीं कोई रे,
तेरें बिना श्याम,
हमारा नहीं कोई रे ॥
तेरे बिना श्याम,
हमारा नहीं कोई रे,
हमारा नहीं कोई रे,
सहारा नहीं कोई रे,
तेरें बिना श्याम,
हमारा नहीं कोई रे ॥
पूछे प्यारी शैलकुमारी
कथा कहिए भोले भण्डारी जी ।
कथा राम जी की है कल्याणकारी,
मगर ये करेगी असर धीरे धीरे,
कावड़ उठाले ध्यान,
शिव का लगाले ॥
कावड़िया ले चल गंग की धार ॥