तेरे चरण कमल में श्याम,
लिपट जाऊ राज बनके ।
लिपट जाऊ राज बनके,
लिपट जाऊ राज बनके ।
तेरे चरण कमल में श्याम,
लिपट जाऊ राज बनके ॥
नित नित तेरा दर्शन पाऊ,
हर्ष हर्ष के हरी गुण गाऊ ,
मेरी नस नस बस जाऊ श्याम ,
बरस जाओ रस बनके,
तेरे चरण कमल में श्याम,
लिपट जाऊ राज बनके ।
लिपट जाऊ राज बनके,
लिपट जाऊ राज बनके ।
तेरे चरण कमल में श्याम,
लिपट जाऊ राज बनके ॥
छिन छिन* तेरा सुमरण हॉवे,
हर पल तुज्पे अरपन हॉवे,
हरी सब दिन आठो याम,
रुके मन के मनके,
तेरे चरण कमल में श्याम,
लिपट जाऊ राज बनके ।
लिपट जाऊ राज बनके,
लिपट जाऊ राज बनके ।
तेरे चरण कमल में श्याम,
लिपट जाऊ राज बनके ॥
शंकर चौड़ा रे, महामाई कर रही सोलह रे।
सिंगार माई कर रही, सोलह रे
मेरी अखियों के सामने ही रहना, ओ, शेरों वाली जगदम्बे
(मेरी अखियों के सामने ही रहना, ओ, शेरों वाली जगदम्बे)
तेरी छाया मे, तेरे चरणों में,
मगन हो बैठूं, तेरे भक्तों में॥
कोई कमी नही है, दर मैय्या के जाके देख।
देगी तुझे दर्शन मैय्या, तू सर को झुका के देख।