तेरे दर पे माँ,
जिंदगी मिल गई है,
मुझे दुनिया भर की,
ख़ुशी मिल गई है,
तेरे दर पे माँ,
जिंदगी मिल गई है ॥
जमाने से जो ना मिला,
तुमसे पाया,
भटकता हुआ जब मै,
तेरे दर पे आया,
जो दिल में थी हसरत,
वही मिल गई है,
तेरे दर पे मॉ,
जिंदगी मिल गई है ॥
दुखो का शिकंजा,
कसा जा रहा था,
अंधेरो में जीवन,
फसा जा रहा था,
यही राह फिर से,
सही मिल गई है,
तेरे दर पे मॉ,
जिंदगी मिल गई है ॥
ये चर्चे है तीनो,
जहाँ में तुम्हारे,
अगर कोई दर पे,
झोली पसारे,
कहो चीज क्या जो,
नहीं मिल गई है,
तेरे दर पे मॉ,
जिंदगी मिल गई है ॥
तेरे दर पे मॉ,
जिंदगी मिल गई है,
मुझे दुनिया भर की,
ख़ुशी मिल गई है,
तेरे दर पे मॉ,
जिंदगी मिल गई है ॥
सनातन धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। इनमें शारदीय और चैत्र नवरात्रि विशेष धूमधाम से मनाई जाती हैं। साल में कुल चार नवरात्रियां पड़ती हैं—दो प्रत्यक्ष और दो गुप्त। नवरात्रि माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन मास में आती हैं।
सनातन धर्म में नवरात्रि के दिनों को अत्यंत शुभ माना जाता है। साल में चार नवरात्रियां पड़ती हैं—माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन मास में। इनमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि को प्रत्यक्ष नवरात्रि कहा जाता है, जिनका धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अधिक होता है।
भारत को उत्सवों का देश कहा जाता है। यहां हर मौसम में खास त्योहार मनाए जाते हैं। सर्दी का मौसम खत्म हो गया है और बसंत के शुरू होते ही होली का त्योहार दस्तक दे रहा है।
सनातन धर्म में मां दुर्गा को शक्ति और भक्ति का प्रतीक माना गया है। मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा नवरात्रि के दौरान की जाती है। यह पर्व साल में चार बार मनाया जाता है—शारदीय नवरात्रि, चैत्र नवरात्रि और दो गुप्त नवरात्रियां।