तेरे दर पे ओ मेरी मईया,
तेरे दीवाने आए हैं,
भर दे झोली मईया भोली,
बिगड़ी बनाने आए हैं,
तेरे दर पे ओ मेरी मैया,
तेरे दीवाने आए हैं ॥
हो जाए करम उसपे जपे,
जो तेरी माला,
तू चाहे तो खुल जाए,
तकदीर का ताला,
माँ की ज्योति से,
नूर मिलता है,
चैन मिलता है,
सुरूर मिलता है,
जो भी आता है,
मईया जी तेरे दर पे,
कुछ ना कुछ तो,
जरूर मिलता है,
अपने भक्तों से,
तू तो प्यार करें,
बेटा रूठे ना,
इतनी दुलार करें,
ममता तेरे आंचल का माँ,
हम तो पाने आए हैं,
तेरे दर पें ओं मेरी मईया,
तेरे दीवाने आए हैं ॥
तेरे दर पे माँ भिखारी भी,
धनवान हो जाए,
निर्बल भी शक्ति पाके,
तो बलवान हो जाए,
माँ गिरते को,
तुमने थाम लिया,
बेसहारों को भी सहारा दिया,
उसके किस्मत सवर गई,
जिसने सच्चे दिल से मईया जी,
तेरा नाम लिया,
अर्जी सुन ले तू,
बेटे की मैया,
पार लगा दे तू,
जीवन की नैया,
हाले दिल अपना ओ मईया,
तुझको सुनाने आए है,
भर दे झोली मईया भोली,
बिगड़ी बनाने आए हैं,
तेरे दर पें ओं मेरी मईया,
तेरे दीवाने आए हैं ॥
तेरे दर पे ओ मेरी मईया,
तेरे दीवाने आए हैं,
भर दे झोली मईया भोली,
बिगड़ी बनाने आए हैं,
तेरे दर पे ओ मेरी मैया,
तेरे दीवाने आए हैं ॥
शनि प्रदोष का दिन भगवान भोलेनाथ के साथ शनिदेव की पूजा-आराधना के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन शनिदेव और शिवजी की पूजा करने से जीवन के समस्त दुखों से छुटकारा मिलता है और शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा समेत अन्य परेशानियां भी दूर होती है।
हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। पंचांग के मुताबिक साल 2025 का पहला प्रदोष व्रत 11 जनवरी को रखा जाएगा, इस दिन शनिवार होने के कारण यह शनि प्रदोष भी कहलाएगा।
सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा- अर्चना करने का विधान है। इस दिन से प्रयागराज में कल्पवास शुरू किया जाता है, इस दिन व्रत, स्नान दान करने से मां लक्ष्मी और विष्णु जी बेहद प्रसन्न होते हैं।
पौष माह की पूर्णिमा साल 2025 की पहली पूर्णिमा होने वाली है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से जन्मों-जन्मों के पाप से मुक्ति मिलती है। कुछ लोगों में असमंजस की स्थिति है कि पौष पूर्णिमा इस बार 13 जनवरी को या 14 जनवरी को मनाई जाएगी?