तेरे दरशन को गणराजा, तेरे दरबार आए है (Tere Darshan Ko Ganraja Tere Darbar Aaye Hai)

तेरे दर्शन को गणराजा ॥


दोहा – नसीब वालों को हे गणराजा,

तेरा दीदार होता है,

जिसपे होता है नजरेकरम,

उसका बेडा पार होता है ॥


तेरे दर्शन को गणराजा,

तेरे दरबार आए है,

तेरे दरबार आए है,

तेरे दरबार आए है,

तेरे दरशन को गणराजा,

तेरे दरबार आए है ॥


सुना है मैंने गणराया,

तुम्हे लड्डू ही भाते है,

सुना है मैंने गणराया,

तुम्हे लड्डू ही भाते है,

तुम्हारे भोग में भगवन,

हाँ लड्डू साथ लाए है,

तेरे दरशन को गणराजा,

तेरे दरबार आए है ॥


तुम्हे दूर्वा सदा चढ़ती,

लोग ऐसा सदा करते,

तुम्हे दूर्वा सदा चढ़ती,

लोग ऐसा सदा करते,

बेल पाती के संग संग में,

हाँ दूर्वा हार लाए है,

तेरे दरशन को गणराजा,

तेरे दरबार आए है ॥


तुम्हे वस्त्रों में पीताम्बर,

पहनते हमने देखा है,

तुम्हे वस्त्रों में पीताम्बर,

पहनते हमने देखा है,

की दरजी से भी सिलवाकर,

तुम्हारे वस्त्र लाए है,

तेरे दरशन को गणराजा,

तेरे दरबार आए है ॥


सुना है ताजे फूलों के,

तुम्हे गजरे सुहाते है,

सुना है ताजे फूलों के,

तुम्हे गजरे सुहाते है,

बागों से ‘सुमन योगी’,

सुगन्धित फुल लाए है,

तेरे दरशन को गणराजा,

तेरे दरबार आए है ॥


तेरे दर्शन को गणराजा,

तेरे दरबार आए है,

तेरे दरबार आए है,

तेरे दरबार आए है,

तेरे दरशन को गणराजा,

तेरे दरबार आए है ॥

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राम के रंग में रंगा हुआ है, अंजनीसुत बजरंग बाला (Ram Ke Rang Mein Ranga Hua Hai Anjani Sut Bajrangbala)

राम के रंग में रंगा हुआ है,
अंजनीसुत बजरंग बाला,

देवी लक्ष्मी स्तोत्रम्

हरिः ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्र​जाम्।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह॥

ये मैया मेरी है, सबसे बोल देंगे हम (Ye Maiya Meri Hai Sabse Bol Denge Hum)

ये मैया मेरी है,
सबसे बोल देंगे हम,

दर्श अमावस्या पूजा विधि

हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या का विशेष महत्व है, जो पितरों की शांति और मोक्ष की प्राप्ति के लिए समर्पित मानी जाती है। इस दिन पितरों की पूजा करना, तर्पण देना और धूप देना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

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