तेरे द्वार खड़ा भगवान,
भक्त भर दे रे झोली ।
तेरा होगा बड़ा एहसान,
के युग युग तेरी रहेगी शान ॥
डोल उठी है सारी धरती देख रे,
डोला गगन है सारा ।
भीख मांगने आया तेरे घर,
जगत का पालनहारा ।
मैं आज तेरा मेहमान,
कर के रे मुझ से जरा पहचान ॥
भक्त भर दे रे झोली ।
॥ तेरे द्वार खड़ा भगवान...॥
आज लुटा दे रे सर्वस अपना,
मान ले रे कहना मेरा ।
मिट जायेगा पल में तेरा,
जनम जनम का फेरा रे ।
तू छोड़ सकल अभिमान,
अमर कर ले रे तू अपना दान ॥
भक्त भर दे रे झोली ।
॥ तेरे द्वार खड़ा भगवान...॥
तेरे द्वार खड़ा भगवान,
भक्त भर दे रे झोली।
तेरा होगा बड़ा एहसान,
के युग युग तेरी रहेगी शान ॥
बोल पिंजरे का तोता राम,
हरे राम राधेश्याम सियाराम रे,
गणपति गजवदन विनायक,
थाने प्रथम मनावा जी,
गणपति जी गणेश नू मनाइये,
सारे काम रास होणगे,
गणपति करते चरणों में हम है नमन,
करे पूजा तुम्हारी सब हो के मगन,