तेरे द्वार खड़ा,
तेरे द्वार खडा,
मैं हार गया हूँ मेरे श्याम,
मैं हार गया हूँ मेरे श्याम,
तेरे द्वार खडा,
तेरे द्वार खडा,
नहीं कोई ठिकाना है दुनिया में,
तेरे दर के सिवा मेरे श्याम,
तेरे दर के सिवा मेरे श्याम,
तेरे द्वार खडा,
तेरे द्वार खडा ॥
हारा हूँ मैं मेरे कर्मो के कारण,
थमता नहीं है आँखों से सावन,
मेरी अटकी भंवर बिच नैया,
खाए हिचकोले श्याम,
खाए हिचकोले श्याम,
हे श्याम हे श्याम,
तेरे द्वार खडा,
तेरे द्वार खडा ॥
लायक नहीं तेरे द्वार के बाबा,
पर मैं करूँ क्या समझ ना आता,
मेरे पापों की गिनती बड़ी है,
तुझे सब है पता मेरे श्याम,
हे श्याम हे श्याम,
तेरे द्वार खडा,
तेरे द्वार खडा ॥
सुनकर मैं चर्चा दर तेरे आया,
परिवार लाखों का तूने चलाया
करो मुझपे रहम मेरे बाबा,
पकड़ो मेरी बाहें श्याम,
पकड़ो मेरी बाहें श्याम,
हे श्याम हे श्याम,
तेरे द्वार खडा,
तेरे द्वार खडा ॥
तेरे द्वार खड़ा,
तेरे द्वार खडा,
मैं हार गया हूँ मेरे श्याम,
मैं हार गया हूँ मेरे श्याम,
तेरे द्वार खडा,
तेरे द्वार खडा,
नहीं कोई ठिकाना है दुनिया में,
तेरे दर के सिवा मेरे श्याम,
तेरे दर के सिवा मेरे श्याम,
तेरे द्वार खडा,
तेरे द्वार खडा ॥
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है। वहीं आज सोमवार का दिन है। इस तिथि पर चित्रा नक्षत्र और शूल योग का संयोग बन रहा है।
चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि के दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है। इसी दिन माता अंजनी और वानरराज केसरी के घर बजरंगबली का जन्म हुआ था। प्रत्येक वर्ष यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।
श्री राम का जन्म चैत्र नवरात्रि नवमी तिथि के दिन अभिजित नक्षत्र में दोपहर बारह बजे के बाद हुआ था। इस दिन विधिपूर्वक भगवान राम की पूजा की जाती है। इसलिए, रामनवमी का दिन भगवान राम की पूजा के लिए समर्पित होता है।
हिंदू धर्म में रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक है। बहनें इस पर्व का सालभर बेसब्री से इंतजार करती हैं। इस दिन वे अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं, जबकि भाई जीवनभर बहन की रक्षा करने का वचन देते हैं।