तेरे द्वार खड़ा,
तेरे द्वार खडा,
मैं हार गया हूँ मेरे श्याम,
मैं हार गया हूँ मेरे श्याम,
तेरे द्वार खडा,
तेरे द्वार खडा,
नहीं कोई ठिकाना है दुनिया में,
तेरे दर के सिवा मेरे श्याम,
तेरे दर के सिवा मेरे श्याम,
तेरे द्वार खडा,
तेरे द्वार खडा ॥
हारा हूँ मैं मेरे कर्मो के कारण,
थमता नहीं है आँखों से सावन,
मेरी अटकी भंवर बिच नैया,
खाए हिचकोले श्याम,
खाए हिचकोले श्याम,
हे श्याम हे श्याम,
तेरे द्वार खडा,
तेरे द्वार खडा ॥
लायक नहीं तेरे द्वार के बाबा,
पर मैं करूँ क्या समझ ना आता,
मेरे पापों की गिनती बड़ी है,
तुझे सब है पता मेरे श्याम,
हे श्याम हे श्याम,
तेरे द्वार खडा,
तेरे द्वार खडा ॥
सुनकर मैं चर्चा दर तेरे आया,
परिवार लाखों का तूने चलाया
करो मुझपे रहम मेरे बाबा,
पकड़ो मेरी बाहें श्याम,
पकड़ो मेरी बाहें श्याम,
हे श्याम हे श्याम,
तेरे द्वार खडा,
तेरे द्वार खडा ॥
तेरे द्वार खड़ा,
तेरे द्वार खडा,
मैं हार गया हूँ मेरे श्याम,
मैं हार गया हूँ मेरे श्याम,
तेरे द्वार खडा,
तेरे द्वार खडा,
नहीं कोई ठिकाना है दुनिया में,
तेरे दर के सिवा मेरे श्याम,
तेरे दर के सिवा मेरे श्याम,
तेरे द्वार खडा,
तेरे द्वार खडा ॥
नरसिंह जयंती भगवान विष्णु के चौथे अवतार, नरसिंह भगवान के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाई जाती है। यह पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आता है।
नरसिंह जयंती हिंदू धर्म का एक अत्यंत पावन पर्व है, जिसे वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन भगवान विष्णु के चौथे अवतार, नरसिंह अवतार के प्रकट होने की स्मृति में मनाया जाता है।
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है, जो भगवान शिव को समर्पित होता है। यह व्रत प्रत्येक माह की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है और इसका पालन करने से व्यक्ति को मानसिक तथा सांसारिक लाभ प्राप्त होते हैं। इस वर्ष शुक्रवार 9 मई को भी यह व्रत श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पुण्यदायक रहेगा।
नरसिंह जयंती, जो इस साल रविवार 11 मई 2025 को मनाई जाएगी, भगवान विष्णु के चौथे अवतार नरसिंह के जन्मोत्सव के रूप में प्रसिद्ध है।