तेरे नाम की धुन लागी,
मन है तेरा मतवाला,
मैं तान हूँ मुरली की,
तू मोहन मुरली वाला ॥
तू ही मेरा स्वामी हैं,
तू ही है मेरा दाता,
भक्ति मेरा जीवन है,
भक्तो से तेरा नाता,
मैं तेरी शरण में हूँ,
तू हैं मेरा रखवाला,
मैं तान हूँ मुरली की,
तू मोहन मुरली वाला ॥
तुने मुझे भक्ति के,
सागर में डुबोया हैं,
टूटे हुए मोती को,
माला में पिरोया है,
मैं रूप हूँ मीरा का,
तू है मेरा गोपाला,
मैं तान हूँ मुरली की,
तू मोहन मुरली वाला ॥
तेरे नाम की धुन लागी,
मन है तेरा मतवाला,
मैं तान हूँ मुरली की,
तू मोहन मुरली वाला ॥
हिंदू धर्म में भगवान विष्णु त्रिदेवों में प्रमुख और सृष्टी के संचालक या पालनहार के रूप में पूजे जाते हैं।
भाद्रपद मास जिसे हिंदू धर्म में त्योहारों का महीेने कहा जाता है अपने आप में एक विशिष्ट ऊर्जा और श्रेष्ठता से भरा हुआ महीना है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी पर अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है।
अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस दिन लोग व्रत रखते हैं, पूजा-पाठ करते हैं और भगवान विष्णु को भोग लगाते हैं।