प्रथमे गौरा जी को वंदना,
द्वितीये आदि गणेश,
त्रितिये सुमीरु शारदा,
मेरे कारज करो हमेश ॥
तेरी जय हो गणेश,
तेरी जय हो गणेश,
तेरी जय हो गणेश,
तेरी जय हो गणेश ॥
किस जननी ने तुझे जनम दियो है,
किस जननी ने तुझे जनम दियो है,
किसने दियो उपदेश,
तेरी जय हो गणेश,
तेरी जय हो गणेश,
तेरी जय हो गणेश,
तेरी जय हो गणेश ॥
माता गौरा ने तुझे जनम दियो है,
माता गौरा ने तुझे जनम दियो है,
शिव ने दियो उपदेश,
तेरी जय हो गणेश,
तेरी जय हो गणेश,
तेरी जय हो गणेश,
तेरी जय हो गणेश ॥
कारज पूरण कदहि होवे,
कारज पूरण कदहि होवे,
गणपति पूजो जी हमेश,
तेरी जय-हो गणेश तेरी जय हो गणेश ॥
तेरी जय हो गणेश,
तेरी जय हो गणेश,
तेरी जय हो गणेश,
तेरी जय हो गणेश ॥
हिंदू धर्म में विकट संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व होता है। गणेश चतुर्थी का व्रत हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है, लेकिन विकट संकष्टी चतुर्थी का महत्व और भी अधिक होता है।
हिंदू धर्म में चैत्र पूर्णिमा का विशेष महत्व है। यह तिथि चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि होती है। इस दिन विशेष रूप से व्रत, स्नान-दान और पूजा-पाठ का आयोजन किया जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा एक अत्यंत पवित्र तिथि मानी जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा एवं श्री सत्यनारायण कथा का श्रवण करने से व्यक्ति को सभी दुखों से मुक्ति मिलती है और मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं।
चैत्र पूर्णिमा हिंदू धर्म में एक अत्यंत शुभ तिथि मानी जाती है। इस दिन धार्मिक अनुष्ठान, दान-पुण्य और पूजा-पाठ करने से सुख-समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है।