तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे,
बलिहार संवारे जू ।
तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे,
बलिहार संवारे जू ।
तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे,
बलिहार संवारे जू ॥
तेरे बाल बड़े घुंगराले,
बादल जो कारे कारे ।
तेरी मोर मुकट लटकनिया पे,
बलिहार संवारे जू ।
तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे,
बलिहार संवारे जू ॥
तेरी चाल अजब मतवाली,
लगती है प्यारी-प्यारी ।
तेरी पायल की झंकार पे,
बलिहार संवारे जू ।
तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे,
बलिहार संवारे जू ॥
तेरे संग में राधा प्यारी,
लगती है सबसे नियारी ।
इस युगल छवि पे मे जाऊ,
बलिहार संवारे जू ।
तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे,
बलिहार संवारे जू ॥
तेरे नयन बड़े मतवारे,
मटके है कारे कारे ।
तेरी तिरछी सी चितवनिया पे,
बलिहार संवारे जू ।
तेरी मंद-मंद मुस्कनिया पे,
बलिहार संवारे जू ॥
हिंदू धर्म में उपनयन संस्कार एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। उपनयन शब्द का अर्थ है "अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ना"। इस अनुष्ठान से बालक को धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाता है।
हिंदू धर्म की समृद्ध परंपरा में "सोलह संस्कार" का महत्वपूर्ण स्थान है, जो जीवन के हर महत्वपूर्ण पड़ाव को दिशा देते हैं। इन संस्कारों में से एक है अन्नप्राशन, जब बच्चा पहली बार ठोस आहार का स्वाद लेता है।
नया व्यवसाय शुरू करना एक महत्वपूर्ण निर्णय है, जिसमें कई चीजें शामिल होती हैं - रणनीति, कड़ी मेहनत, नवाचार और सबसे महत्वपूर्ण शुभ मुहूर्त। सही समय चुनना भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना कि आपके व्यवसाय की रणनीति और योजना।
नई दुकान खोलना एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे आपके भविष्य की सफलता और समृद्धि की नींव रखी जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, किसी भी नए उद्यम की शुरुआत करने से पहले शुभ मुहूर्त और तिथि का चयन करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।