तेरी तुलना किससे करूँ माँ,
तेरी तुलना किससे करूं माँ,
तुमसा और ना कोई,
जब जब टुटा मेरा खिलौना,
मुझसे पहले तू रोई,
तेरी तुलना किससे करूं माँ,
तुमसा और ना कोई ॥
मेरे हँसने पर हँसती है,
रोने पर रोती है,
फिर भी मैं ये समझ ना पाया,
माँ कैसी होती है,
मैं खोया इस जग के सुख में,
माँ मेरे ख्याल में खोई,
जब जब टुटा मेरा खिलौना,
जब जब टुटा मेरा खिलौना,
मुझसे पहले माँ रोई,
तेरी तुलना किससे करूं माँ,
तुमसा और ना कोई ॥
मिल जाएगा दुनिया का सुख,
सपनो में जो प्यारा,
पा लूँगा मैं सबकुछ यहाँ पर,
माँ ना मिलेगी दौबारा,
आँखों के हर इक आंसू से,
साँसे माँ ने संजोई,
जब जब टुटा मेरा खिलौना,
जब जब टुटा मेरा खिलौना,
मुझसे पहले माँ रोई,
तेरी तुलना किससे करूं माँ,
तुमसा और ना कोई ॥
जैसे अँधेरे में रहकर,
करता दीप उजाला,
ऐसे बेधड़क तुझको माँ की
ममता ने है पाला,
जबतक सोया मैं ना चैन से,
तबतक माँ नहीं सोई,
जब जब टुटा मेरा खिलौना,
जब जब टुटा मेरा खिलौना,
मुझसे पहले माँ रोई,
तेरी तुलना किससे करूं माँ,
तुमसा और ना कोई ॥
तेरी तुलना किससे करूं माँ,
तेरी तुलना किससे करूं माँ,
तुमसा और ना कोई,
जब जब टुटा मेरा खिलौना,
मुझसे पहले तू रोई,
तेरी तुलना किससे करूँ माँ,
तुमसा और ना कोई ॥
भारतीय संस्कृति में शुभ मुहूर्त का महत्व सदियों से जारी है। चाहे वह शादी-विवाह हो, मुंडन, अन्य अनुष्ठान, या फिर संपत्ति की खरीदारी, शुभ मुहूर्त का पालन करना अत्यंत आवश्यक माना जाता है।
सगाई का दिन! जिंदगी का वो खास पल जब दो दिल एक दूसरे के साथ जुड़ते हैं और एक नई यात्रा की शुरुआत होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस खास दिन को और भी यादगार बनाने के लिए सही मुहूर्त का चुनाव कितना महत्वपूर्ण है?
नई दुकान खोलना एक महत्वपूर्ण कदम है जिसमें आपके भविष्य की सफलता और समृद्धि की नींव रखी जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, किसी भी नए उद्यम की शुरुआत करने से पहले शुभ मुहूर्त और तिथि का चयन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
एक बच्चे की शिक्षा यात्रा की शुरुआत एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होता है जो उसके भविष्य को आकार देता है। यह संस्कार भारतीय परंपरा में विशेष महत्व रखता है, जहां ज्योतिष के अनुसार ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति और शुभ योगों का ध्यान रखा जाता है ताकि बच्चे की शिक्षा और जीवन में सफलता के लिए सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो।